PM Modi हैं यूपी के मुरीद, जब-जब किया यूपी का दौरा की योगी की प्रशंसा

मिशन 80 पर मिली टीस से उबारा, अब साधेंगे 27 भी

PM Modi हैं यूपी के मुरीद, जब-जब किया यूपी का दौरा की योगी की प्रशंसा

अजय दयाल, लखनऊ, अमृत विचार: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली का दौरा करें और उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा न हो, ऐसा कम ही होता है। नववर्ष से तीन दिन पहले उनकी ताजा दिल्ली यात्रा को लेकर भी कयासों का दौर है। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में तो उनके अस्तित्व को लेकर ही सवाल उठे। बावजूद इसके योगी ने अपने बूते उप्र. में संगठन को वर्ष 2024 में मिशन-80 (लोस चुनाव की हार) पर मिली टीस से उबारा (विस. उपचुनाव में जीत)। अब उनका लक्ष्य वर्ष 2026 में मिशन-27 (उप्र. विस. चुनाव) को साधने पर होगा।

दरअसल, योगी की कार्यशैली की काट कोई नहीं। इसका कारण उनका अपने दायित्वों के प्रति नैतिक इमानदारी रखने वाला महात्वाकांक्षा विहीन मूल स्वाभाव है। खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बातों का अक्षरश: पालन करने और केन्द्र की योजनाओं को अमली जामा पहनाने में वह अन्य राज्यों के नेतृत्वकर्ताओं से आगे रहने का प्रयास करते हैं। बात चाहे जेवर एयरपोर्ट या अन्य आधारभूत ढांचागत विकास की हो। पौधरोपण, पेयजल, दूध के उत्पादन, शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार की हो, सभी की अव्वल रिपोर्ट वर्ष 2024 में केन्द्र को मिली। इतना ही नहीं, केन्द्रीय योजनाओं को भी जमीन पर उतारने में उप्र. आगे रहा। इनमें उज्जवला, मिशन शक्ति, जनधन खाता, आवास, निशुल्क बोरिंग, आंबेडकर रोजगार ही नहीं किसानों से संबधित योजनाएं आदि भी शामिल रहीं।

अब राजनीतिक भावी रणनीतियों पर बात की जाए तो योगी आदित्यनाथ ने 2027 विधानसभा चुनाव के लिए अपनी योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसी के तहत वह नये वर्ष में तीन प्रमुख चिन्हित एजेंडे पर सक्रियता बढ़ा देंगे। योगी एक प्रमुख एजेंडा इस वर्ष अल्पसंख्यकों के बीच भी सनातनी विरासत का संदेश देना है। इसके लिए बकायदा खास क्षेत्रों में भाजपा के मंत्री, विधायक संपर्क अभियान चलाएंगे ताकि हिंदू और मुस्लिम वोटर साथ आ सकें।

दूसरा एजेंडा वही होगा- न बटेंगे, न कटेंगे वाला। हालिया उपचुनाव में यह नारा सफल रहा है। योगी का मंत्रियों को निर्देश है कि जनता के बीच बने रहते हुए इन नारों वजन बनाये रखें। अब बात तीसरे एजेंडें की- इसमें भी विपक्ष के पीडीए की काट निकालनी है। इसमें मंत्री और विधायक गांव-गांव जाकर चौपाल लगाकर पिछड़े-दलित समाज के साथ संवाद करेंगे। यानि समाज के हर वर्ग को साधकर 27 में फिर कमल खिलाने की योजना है।

वर्ष 2025 में योगी सरकार की योजनाएं

-महिलाओं, बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने को 5,129 करोड़ रुपए की है व्यवस्था
-युवाओं में स्मार्टफोन और टैबलेट के वितरण को 4,000 करोड़ रुपए की है व्यवस्था
-किसानों के निजी ट्यूबवेलों को बिजली आपूर्ति के लिए 2,400 करोड़ रुपए किए हैं आवंटित
-कृषि को बढ़ावा देने को तीन नई योजनाएं होंगी शुरु, कुल आवंटन 460 करोड़ रुपए है
-शहरी विस्तार के तहत, टाउनशिप विकसित करने के लिए 3,000 करोड़ रुपए का इंतजाम

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