कासगंज : रैन बसेरे पर लाखों खर्च, फिर भी ठंड मे ठिठुर रहे जरूरतमंद...जानकारी नहीं तो कैसे करें सर्च

प्रचार-प्रसार के अभाव में रैन बसेरा नहीं पहुंच पा रहे हैं जरूरतमंद

कासगंज : रैन बसेरे पर लाखों खर्च, फिर भी ठंड मे ठिठुर रहे जरूरतमंद...जानकारी नहीं तो कैसे करें सर्च

गंजडुंडवारा, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश कि ठंड से कोई दम न तोड़ने पाए और न ही कोई ठिठुरे। उनके निर्देशों पर नगर पालिका द्वारा परिसर में ही लाखो खर्च कर समस्त संसाधन युक्त नौ बैड का रेन बसेरा बनाया गया है। यह कस्बे का इकलौता रैन बसेरा है। जिसका प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। जिसके चलते इसे खोजना मुश्किल है। बेसहारा जरूरतमंद रैन बसेरा मे पहुंच ही नही पा रहे हैं।
 
प्रशासन की अनदेखी की वजह से यह रैन बसेरा अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पा रहा है। वैसे प्रतिदिन इसके निरीक्षण को पटियाली तहसील क्षेत्र के उपजिलाधिकारी, तहसीलदार  नायब तहसीलदार पहुंचते रहते है। अब तक इसकी बदहाली पर किसी ने गौर तक नहीं किया। जिससे निरीक्षण भी प्रशासनिक उदासहीनता के कारण मात्र फोटोग्राफी तक सिमट कर रह गया है। बर्फीली हवाओं में बेसहारा, असहाय खुले मे ठंड में ठिठुर रहे है।
 
अमृत विचार ने बुधवार देर रात्रि पड़ताल की तो रेन बसेरे तो खाली था। लेकिन रेन बसेरे से मात्र 100 मीटर दूरी कैनाल रोड पर एक बेसहारा रोड किनारे खुले मे कंबल मे ठिठुरता मिला। जब उनसे पूछा आप रैन बसेरे मे क्यों नही गए तो जबाव मिला यह है कहां। यह स्थिति महज एक जगह की ही नहीं। कस्बे के रेलवे स्टेशन, कस्बे के बस स्टैंडो के आस पास ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो खुले में रात बिताने को मजबूर है। क्यों कि प्रचार-प्रसार के अभाव मे लोगों को यह पता ही नहीं कि नगर पालिका का शहर में कोई रैन बसेरा भी है।

नगर पालिका प्रशासन को रेन बसेरा की जानकारी को चौक चौराहे, रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर प्रचार-प्रसार करना चाहिए। वही पालिका की टीम ऐसे लोगों को रैन बसेरे तक लेकर जाए और इस सुविधा की जानकारी भी दे। हालांकि ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में शासन की इस सुविधा का लाभ कम ही जरूरतमंदों को मिल पा रहा है। यह ज्यादातर खाली रह शोपीस मात्र रह गया है।

दिसंबर माह में कुछ जगह फ्लैक्स लगाए गए थे, शायद फट गए होगे। पुनः चौक चौराहे सहित मुख्य स्थलो पर इसके प्रचार-प्रसार के लिए फ्लेक्स लगवा दिए जाएंगे। वही ठंड मे कोई न ठिठुरे स्वंय भ्रमण पर भी रहूंगा। -सुनील कुमार, ईओ।