Etawah में चार साइबर ठग गिरफ्तार: 9 करोड़ रुपये की कर चुके ठगी, बताया- कैसे लगाते थे लोगों को चूना

Etawah में चार साइबर ठग गिरफ्तार: 9 करोड़ रुपये की कर चुके ठगी, बताया- कैसे लगाते थे लोगों को चूना

इटावा, अमृत विचार। लोगों को सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने एवं उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर बैंक में एकाउंट खुलवाकर उनके एटीएम, पासबुक, चैक तथा सिमकार्ड का प्रयोग कर साइबर फ्रॉड करने वाले चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में जानकारी मिली है कि उक्त लोग अब तक करीब नौ करोड़ रुपया की ठगी कर चुके है। पकड़े गए लोगों के कब्जे से फ्रॉड में प्रयुक्त मोबाइल, लैपटॉप, क्यूआर कोड स्कैनर, उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक चैकबुक, पासबुक एवं एक स्कोडा कार बरामद की गयी। 

एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इन्डियन साइबरक्राइम कॉर्डिनेशन सेन्टर द्वारा सम्पूर्ण भारत मे साइबर अपराध करने वाले अभियुक्तों का डाटा सभी राज्यों की राजधानी को उपलब्ध कराया जाता है। जिसके माध्यम से जनपद इटावा में एसटीआर सस्पीसियश ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड से संबंधित अभियुक्तो के सम्बंध में जानकारी मिली थी। उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई थी। 

शनिवार की रात को मुखबिर से सूचना मिली कि गिरोह बनाकर साइबर ठगी करने वाले व्यक्ति जुगरामऊ चौराहे के पास खड़े हैं। सूचना पर तत्काल पुलिस टीमों द्वारा कार्यवाही करते हुये आवश्यक बल प्रयोग कर चार व्यक्तियों को स्कोडा कार सहित गिरफ्तार किया गया। तलाशी में उनके कब्जे से 02 फर्जी नम्बर प्लेट, 02 उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, 04 मोबाइल भिन्न-भिन्न कम्पनी, 01 लैपटॉप, 01 लैपटॉप चार्जर, 02 क्यूआर कोड स्कैनर,14 डेबिट/क्रेडिट/ट्रैवलिंग कार्ड, 10 आधार कार्ड, 4040 रुपये नकद, 10 चैक बुक (भिन्न-भिन्न बैंक ), 02 पासबुक बरामद किये गये।

पकडे गए लोगों ने अपने नाम हर्ष उर्फ नागेन्द्र सिंह पुत्र संजय पाल, रोहन पुत्र प्रदीप पाल निवासी बजरिया अलीगंज थाना कोतवाली जनपद फतेहगढ़ इमरान खान पुत्र शराफत खान निवासी अड्डा घसीटखाँ तुलसीनगर थाना फ्रेण्डस कालोनी व अनुराग यादव पुत्र नेत्रपाल सिंह निवासी ग्राम उदयपुरा थाना फ्रेण्डस कालोनी जनपद इटावा बताया।

पूछताछ में बताया कि ये सभी आरोपी लोगों को बैंक से सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने और सूक्ष्म/लघु/मध्यम उद्योगों में रजिस्ट्रेशन करवाकर रोजगार दिलवाने के नाम पर खाता खुलवा लेते थे। उनके नाम पर इन खातों से लिंकड मोबाइल सिम कार्ड भी निकलवा लेते थे और बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी खातों की किट (चैकबुक/पासबुक/एटीएम कार्ड) के यूजर आईडी पासवर्ड व बैंक में लगे सिम कार्ड को उनसे लेकर टेलीग्राम एप्प पर बने ग्रुपों पर खातों की सम्पूर्ण जानकारी भेज देते थे। 

जिसके बाद उन खातों में साइबर फ्रॉड का रुपया आता था। इसका लाभ इन दोनों एप्प के संचालक लेते हैं जिस पर उन्हें कमीशन रूप में एक खाता उपलब्ध कराने का सत्तर से एक लाख रुपया तक मिलते हैं। इसके अतिरिक्त एक से डेढ़ प्रतिशत रूपये कम्पनी के द्वारा भी लाभ के रूप में दिया जाता है। अपनी पहचान छिपाने के लिये कार में फर्जी नम्बर प्लेट लगा लेते हैं। पुलिस ने आरोपियों से बरामद कार को सीज कर दिया है।

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