कानपुर में साइबर ठगों ने प्राइवेट कर्मी को रखा डिजिटल अरेस्ट: CBI अधिकारी बताकर ठगे 8.25 लाख, ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने पकड़ा माथा...
कानपुर, अमृत विचार। बर्रा थानाक्षेत्र में रहने वाले निजी कर्मचारी को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर घटना को अंजाम दिया। पीड़ित जब साइबर ठगों के चंगुल से छूटा तो उसने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पीड़ित साइबर थाने पहुंचा और तहरीर देकर दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस पता लगा रही है, कि आखिर किन बैंक खातों में पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है।
बर्रा पांच के 189 ईडब्ल्यूएस हनुमान मंदिर के पास निवासी निजी कर्मचारी संतोष कुमार गुप्ता ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि कुछ लोगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर उनसे यह कहा कि उनकी आईडी से मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट दिल्ली में ओपन है और अवैध गतिविधियां हो रही हैं। जिससे ह्यूमन ट्रैफिकिंग, मनी लाउंड्रिंग और ड्रग समग्लिंग हो रही है और डरा धमकाकर अपने झांसे में पांच दिनों तक के लिए डिजिटल अरेस्ट करके घर में रखा। आरोप है, कि उसने पांच दिन तक अलग-अलग नंबरों से कॉल की।
बताया कि उसने फाइनेंस मिनिस्ट्री के द्वारा खाता का सत्यापन करने के बहाने उन्होंने 8.25 लाख रुपये ट्रांसफर कराए। बताया कि 19 से 23 अक्टूबर 2024 तक उनके साथ साइबर की घटना होती रही। बताया कि कुछ लोगों ने स्कॉइप पर कॉल किया था। पीड़ित संतोष ने साइबर सेल को बताया कि जिन दो खातों में शातिरों ने पैसा ट्रांसफर कराया उसमें एक खाता सतानी रमेश के नाम पर था। जो एसबीआई की भक्ति नगर ब्रांच राजकोट से संचालित हो रहा था। वहीं दूसरा खाता रॉयल क्रिएशन के नाम का था। जो यश बैंक कि हीराबाग ब्रांच सूरत से संचालित किया जा रहा है।
संतोष ने बताया कि जब पैसा खातों में ट्रांसफर हो गया तो वो उसे वापस करने के लिए और पैसा मांगने लगे। इस पर पीड़ित ने साइबर सेल में तहरीर देकर महेंद्र यादव, दीपक यादव निवासी दिल्ली के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। इस संबंध में साइबर थाना इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मामले में पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिन खातों में पैसा गया उन्हें फ्रीज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।