Kanpur: आईजीआरएस में अब तक की सर्वाधिक खराब रैकिंग: जिले को मिली 74वीं रैंक...जिलाधिकारी ने संबंधित अफसरों को फटकारा

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। आईजीआरएस पोर्टल पर जनता की शिकायतों के निस्तारण का हाल अफसरों की लापरवाही से और खराब हो गया है। नवंबर माह की रैकिंग में जिले को 74वीं रैंक मिली है। अक्टूबर माह में जिले की रैंक 62वीं थी। इस तरह जिला 12 अंक और पिछड़ गया है।  3599 शिकायतकर्ताओं से लिए गए फीडबैक में 2186 ने प्रकरण के निपटान से असंतुष्टि जताई है।    

शिकायतकर्ता हर माह आईजीआरएस पोर्टल पर अपनी समस्या बताकर समाधान की उम्मीद लगाए रहते हैं, लेकिन उनकी फरियाद ठंडे बस्ते में चली जाती है। इसका नतीजा है कि लगातार कई माह से जिले की रैकिंग गिर रही है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की सख्ती का असर भी अफसरों पर नहीं हो रहा है। 

शिकायतों का निस्तारण न होने से मामले डिफाल्टर में चले जाते हैं। आईजीआरएस पोर्टल पर अक्टूबर माह में कुल 11062 शिकायतें आईं, इनमें 768 डिफाल्टर में रहीं। यानी उनका निस्तारण ही नहीं किया गया। सीएम पोर्टल पर 26 शिकायतें आईं, इनमें भी 5 का निस्तारण नहीं किया गया। 

शिकायतों की दोबारा जांच कर नहीं किया ‘स्पेशल क्लोज’ 

जिले की चारों तहसील के एसडीएम, बीडीओ और नगर निगम की लापरवाही के कारण 684 शिकायतों की दोबारा जांच करके अधिकारियों के स्तर पर उन्हें ‘स्पेशल क्लोज’ नहीं किया गया। इससे रैकिंग पर ज्यादा असर पड़ा। 

लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई करने की तैयारी

जिलाधिकारी ने जिले की रैंक और खराब होने पर एसडीएम, विभागाध्यक्षों और संबंधित अफसरों को जमकर फटकार लगाई है। शिकायत निस्तारण में कहां लापरवाही बरती जा रही है, इसके लिए जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं। अब जिलाधिकारी लापरवाह अफसरों की सूची तैयार कराकर सभी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं।

नगर निगम के अफसरों ने बरती सर्वाधिक लापरवाही

शिकायत निस्तारण के बाद कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिनकी दोबारा जांच होती है। यह जांच विभाग के सीनियर अफसरों को दी जाती है। इस व्यवस्था में सीएम कार्यालय से शिकायतों का लिया गया फीड बैक नकारात्मक मिलने पर उसे सीधा विभागाध्यक्ष की लॉगिन पर भेजा जाता है। मामले की जांच कराकर अधिकारी को रिपोर्ट लगानी होती है। जो संबंधित अफसरों ने नहीं लगाई। इसके लिए ‘स्पेशल क्लोज’ का  ऑप्शन होता है, जिसे नहीं किया गया। इस कारण जिले को 130 में 105 अंक मिले और रैकिंग 74वें स्थान पर पहुंच गई। ऐसी शिकायतों में सबसे ज्यादा नगर निगम की लापरवाही रही।  

जो शिकायतें दोबारा जांच के लिए अधिकारी स्तर पर आईं थीं, उनका स्पेशल क्लोज नहीं किया गया। इस कारण जिले की रैंकिंग खराब हुई है। डिफाल्टर में जिन विभागों की शिकायतें रही हैं, उन अफसरों को नोटिस जारी होगी। शिकायत निस्तारण की गुणवत्ता में सुधार कराया जाएगा।- डॉ राजेश कुमार, आईजीआरएस नोडल

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