बदायूं: बांग्लादेश में हिंदुओं तो संभल में मुसलमानों के साथ हो रहा अन्याय-पूर्व मंत्री
आबिद रजा बोले-देश भर में कानून के खिलाफ दरगाहों व मस्जिदों का सर्वे ठीक नहीं
बदायूं, अमृत विचार। संभल में हिंसा और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व मंत्री आबिद रजा ने बयान जारी किया है। कहा कि संभल हिंसा में मुसलमान व बांग्लादेश में हिंदू समाज के साथ नाइंसाफी हो रही है। कहा कि देश भर में कानून के खिलाफ दरगाह व मस्जिदों का सर्वे ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि कानून बना है कि साल 1947 के बाद किसी भी धर्म के पूजा स्थल का स्वरूप व चरित्र नहीं बदला जाएगा तो देश में दरगाहों व मस्जिदों के सर्वे के आदेश कानून के खिलाफ क्यों दिए जा रहे हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से खुद संज्ञान लेकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। अजमेर शरीफ की दरगाह, संभल, बदायूं, काशी, मथुरा की मस्जिदों का सर्वे देश की एकता व देशहित में ठीक नहीं है। न्यायालय में आस्था की बुनियाद पर बाबरी मस्जिद संबंधी फैसला दिया। जिसे मुसलमानों ने दिल से स्वीकार किया। राम मंदिर बना। किसी को कोई एतराज नहीं है। आरएसएस के मोहन भागवत ने बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद कहा था कि अब हर मस्जिद के अंदर मंदिर खोजना बंद कर दें, इसके बाद भी लोग ऐसे मुद्दे खोज रहे हैं। प्रधानमंत्री के लिए कहा कि उन्हें पूजा स्थलों पर बने कानून का देशहित में पालन कराना चाहिए। संभल हिंसा प्रजातंत्र व कानून को मजाक बना दिया है। पांच लोगों की हत्या के आरोपियों को अभी तक जेल नहीं भेजा गया है। मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये देने चाहिए। पूर्व मंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार की निंदा की। प्रधानमंत्री से मांग की कि वह यूएनओ से बात करके बांग्लादेश सरकार पर दवाब बनाए। इस्लाम मजहब बेवजह दूसरे इंसान पर जुल्म की इजाजत नहीं देता। प्यार, मोहम्मद, अखलाक से रहना सिखाता है।