Prayagraj News : बांके बिहारी मंदिर में भीड़ प्रबंधन के संदर्भ में मांगी जानकारी
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्यवाही पर सरकार से जवाब तलब किया कि बिना नोटिस कुछ इमारतों को क्यों ध्वस्त किया जा रहा है।
इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा 296 के तहत केवल ऐसी इमारतों को ही हटाया गया है, जिन्होंने नाले-नालियों पर अतिक्रमण कर रखा था। मालूम हो कि पिछली सुनवाई यानी 4 सितंबर 2024 को कोर्ट ने सरकार से मंदिर की ओर जाने वाले विभिन्न मार्गो में हुए अतिक्रमण का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था, जिसके अनुपालन में 15 अक्टूबर 2024 को सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि मार्ग में कुल 81 अतिक्रमण मौजूद हैं, जिन्हें कानून के अनुसार हटाने की कार्यवाही चल रही है। कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान मंदिर में विभिन्न अवसरों पर होने वाली भीड़ के प्रबंधन की कार्यवाही से पहले अतिक्रमण की स्थिति जाननी चाहिए।
कोर्ट ने उन सड़कों और मार्गों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी, जिन पर अतिक्रमण हुए थे। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाए जाने से पहले और अतिक्रमण हटाए जाने के बाद की स्थिति से अवगत कराने को कहा, साथ ही पिछले वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, कार्तिक पूर्णिमा, हरियाली तीज और होली पर मंदिर में एकत्रित होने वाली भीड़ का डेटा भी मांगा। इसके अलावा राज्य से भीड़ को प्रबंधित किए जाने के संदर्भ में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 को सुनिश्चित की गई है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने अनंत शर्मा और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
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