शाहजहांपुर: पेंशन वितरण में खेल, 18 जिंदा को मृतकर दिखाकर रोकी पेंशन

शाहजहांपुर: पेंशन वितरण में खेल, 18 जिंदा को मृतकर दिखाकर रोकी पेंशन

शाहजहांपुर, अमृत विचार: वृद्धावस्था पेंशन घोटाले का दाग सह रहा जिला समाज कल्याण विभाग अब दूसरी तरह के खेल का शिकार हो रहा है। ब्लॉकों के अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते विभाग में जिंदा लोगों को मृत दिखाकर पेंशन से वंचित किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं।

सोमवार को सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह के सामने भी एक ऐसा प्रकरण आया था। अब खुलासा हुआ है कि जिले में इस तरह के 18 और प्रकरण में हैं, जिनमें जिंदा को मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई है। अब यह जिंदा लोग कागजों में खुद को जिंदा दिखाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

जिले के 18 जिंदा वृद्ध सरकारी कागजों में मृत चल रहे हैं और उनकी पेंशन अटकी हुई है। इन बुजुर्गों की पेंशन का सत्यापन ब्लाक स्तर से गलत तरीके से कर इनको मृत दर्शा दिया गया है। जिस वजह से इनकी पेंशन अटक गई है। इन बुजुर्गों ने जब अपना जीवित होने का प्रमाण पत्र समाज कल्याण आफिस में दिया तो समाज कल्याण अधिकरी ने भी इनका डाटा सही कराने के लिए निदेशक समाज कल्याण लखनऊ को पत्राचार किया, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी इन पेंशनर्स का डाटा शासन स्तर पर लंबित पड़ा है। जिस कारण यह लोग पेंशन का लाभ पाने से वंचित चल रहे हैं।

सियाराम निवासी ग्राम हरनारायणपुर को मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई है। जबकि वह जीवित हैं। पेंशन रुकने की जानकारी होने पर उन्होंने समाज कल्याण विभाग से संपर्क किया तो पता चला कि ब्लॉक की रिपोर्ट में उन्हें मृत दिखाया गया है। इसलिए उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही है। यह कारनामा ब्लॉक से किया गया है। इसी तरह माधुरी देवी ग्राम झपका दिलावरपुर, राजबहादुर ग्राम समसीपुर, लटूरी ग्राम सैजना ताल्लुक आमखेड़ा, लौंग श्री ग्राम खुटरिया, सरस्वती मितेपुर, फूल सिह, मुन्नी देवी, गेदनलाल, ईश्वर दयाल, गंगा कुमारी, रन्नो, हफीजा बेगम, रम्पा, लौंग श्री, हेमा देवी, बालक राम और जागेश्वर को जिंदा रहते मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई है। 

ज्यादातर मामलों में ब्लॉकों से सत्यापन में गड़बड़ी हुई है। यह गलती कैसे हुई इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हालांकि लाभार्थी दबी जुबान कुछ सचिव व ग्राम पंचायत स्तर के नेताओं की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। कोई कह रहा है कि उन्होंने ब्लॉक के कर्मचारियों को चढ़ावा नहीं चढ़ाया और उनकी पेंशन रोक दी गई तो कोई कह रहा है कि गांव के जनप्रतिनिधि ने उनकी पेंशन रुकवाने के लिए उन्हें मृत दिखा दिया।

हालांकि अधिकारियों का मानना है कि एक-दो लोग तो गलती से मृत दर्शाए जा सकते हैं, लेकिन सभी लोग गलती से मृत दर्शा दिए गए हों ऐसा नहीं हो सकता है। यह गड़बड़ी जरूर जानबूझकर की गई है, लेकिन क्यों की गई है यह जांच का विषय है। अगर जांच हुई तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

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