Bareilly: एक डॉक्टर के हवाले दो अस्पताल, कैसे हो मरीजों का इलाज?

Bareilly: एक डॉक्टर के हवाले दो अस्पताल, कैसे हो मरीजों का इलाज?

आंवला, अमृत विचार : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंवला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर की जिम्मेदारी मात्र एक डॉक्टर के हवाले है। जिससे रोगी अस्पतालों से मायूस लौटकर प्राइवेट अस्पतालों पर जाने को मजबूर हैं। हालांकि कई बार डॉक्टरों की तैनाती की मांग की जा चुकी है, परंतु किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

आंवला और रामनगर के स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम आठ-आठ डॉक्टरों की आवश्यकता है। परंतु विभाग ने दोनों अस्पतालों की जिम्मेदारी आंवला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार को सौंप दी है। डॉक्टर के एक अस्पताल में बैठने पर दूसरे अस्पताल के रोगी मायूस लौट जाते है। आंवला नगर वासी अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग काफी समय से करते आ रहे हैं। जिसको लेकर विभाग अनसुनी करता आ रहा है। यहीं हाल रामनगर अस्पताल का है।

शनिवार सुबह 11 बजे रामनगर स्वास्थ्य केंद्र पर रोगी दवा लेने पहुंचे। जहां डॉक्टर की कुर्सी खाली थी। किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जबकि डॉक्टर बरेली में आयोजित मीटिंग में थे। आंवला नगरवासियों ने कहा सरकार जनता की सुविधाओं को लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। गरीब रोगियों के लिए आयुष्मान भारत योजना लाकर बहुत बड़ा काम किया है। इस योजना से हजारों गरीबों की जमीन और मकान बिकने से बच गए। उन गरीब रोगियों को मुफ्त इलाज मिला है। यदि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं होंगे तो गरीबों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ेगा।

किसी ने वीडियो बनाकर वायरल किया है। वह बरेली बैठक में गए थे। आंवला और रामनगर अस्पताल की जिम्मेदारी उनके ही ऊपर है। जबकि दोनों ही अस्पताल में कम से कम आठ-आइ डॉक्टर की आवश्यकता है। एक डॉक्टर होने के कारण मरीजों को असुविधा हो रही है। डॉक्टरों की तैनाती के लिए वह विभाग को लिख चुके हैं- सुनील कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंवला।

यह भी पढ़ें- बरेली: क्लास में बैठे बच्चे दबाने लगे अपना गला, नवाबगंज के स्कूल में अजीब घटना से टीचर्स भी हैरान