असाधारण वापसी

असाधारण वापसी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रमुख कमांडर के रूप में अपनी भूमिका को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने बुधवार को दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की जिसे अमेरिकी इतिहास में किसी नेता की सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी कहा जा रहा है। बुधवार को ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई देते हुए दुनिया भर के नेताओं ने उनकी वापसी को इतिहास की सबसे बड़ी वापसी कहा है।

चुनाव में जीत हासिल करके ट्रंप ने सिद्ध कर दिया कि वे राजनीति में एक बड़े  खिलाड़ी थे और रहेंगे। वह पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक आरोपों में दोषी करार दिए जाने के बाद भी इस पद के लिए नामांकन का अवसर मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। ट्रंप अगले वर्ष जनवरी  में कार्यभार संभालेंगे। ट्रंप की जीत के बाद भारत के संदर्भ में कई ऐसे सवाल हैं, जो सामने आना शुरू हो चुके हैं। ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में भारत अमेरिका के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा? 

गौरतलब है कि दीपावली के अवसर पर ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया था। उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही अपनी सरकार आने पर दोनों देशों के बीच की साझेदारी को और आगे बढ़ाने का वादा किया। चीन मामले में भी ट्रंप ने भारत का समर्थन किया है। पिछली बार ट्रंप के कार्यकाल में ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी क्वाड को मजबूत किया गया था।

हालांकि भारत के प्रति ट्रंप की वीजा नीति प्रवासियों के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में एच-1 बी वीज़ा नियमों पर सख्ती दिखाई थी। इसका भारतीय पेशेवरों और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर असर दिखा था। अगर ये नीति जारी रही तो भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरियों के अवसर कम होंगे। महत्वपूर्ण है कि भारत और अमेरिका के बीच एक मजबूत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो लंबे समय से साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, साझा हितों और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों पर आधारित है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग और बेहतर व मजबूत होने की संभावनाएं हैं।

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