लखनऊ: चार लाख लोगों का हर साल हो जाता है किडनी और लिवर फेल, जागरूकता से बचेगी जिंदगी
लखनऊ, अमृत विचार। अंगदान समय की आवश्यकता है और मानव-सेवा की दिशा में उठाया हुआ एक महत्वपूर्ण कदम है, इस ध्येय के साथ स्थापित संस्था 'आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट' के सदस्यों ने बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने संस्था के उद्देश्य-पत्र का विमोचन किया, साथ ही संस्था के सदस्यों से इसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
संस्था की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में हर साल लगभग 2 लाख लोग किडनी फेल होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं,जबकि इसके विपरीत, पिछले वर्ष में केवल 11,423 लोग ही किडनी प्रत्यारोपण के माध्यम से जीवन की नई उम्मीद पा सके, जिनमें से 9,834 दानकर्ता परिवार के सदस्य थे. इसी तरह, हर वर्ष लगभग 2 लाख लोग लिवर-फेल्योर से पीड़ित होते हैं, लेकिन प्रत्यारोपण के जरिए सिर्फ साढ़े तीन से चार हज़ार लोगों को ही नयाजीवन प्राप्त हो पाता है और दानकर्ताओं में अधिकतर संख्या परिवार के सदस्यों की ही होती है। लगभग यही हाल अन्य अंग-फेलियर के मरीजों का भी है। अंगदान से जुड़ी इस दिशा में प्रगति बहुत धीमी रही है, और हमारे देश में अंगदान करने वालों की संख्या 2014 में केवल 6,916 थी, जो 2022 में बढ़कर 16,041 हो पाई है। हमारे प्रदेश में अंगदान की यह संख्या और भी ज्यादा सोचने वाली है जबकि अंग प्राप्तकर्ताओं की संख्या बहुत बड़ी है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सोशल मीडिया के द्वारा और छोटी छोटी क्लिप्स बना कर अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, बड़े अस्पतालों तथा चिकित्सा संस्थानों में संपर्क करके उनका सहयोग लिया जाए, अंगदानदाता तथा अंगप्राप्तकर्ता, दोनों को बुलाकर इस बारे में समाज में सन्देश प्रेषित किया जाय कि अंगदान से कोई नुक्सान नहीं है बल्कि इससे जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अंगदाताओं को उचित तौर पर सम्मानित किया जाय ताकि समाज में लोगो को प्रेरणा मिल सके।
सोटो के ज्वांइट डायरेक्टर प्रो.राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि मौजूदा समय में अंगदान के लिए जागरूकता की अत्यधिक जरूरत है। ऐसे में संस्था की तरफ से किये गये जागरूकता के कार्यों से लोग अंगदान के लिए शपथ लेंगे और निश्चित तौर पर इससे जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।
संस्था के सदस्यों में मुख्य रूप से संदीप कुमार, मुख्य आयकर आयुक्त (से.नि.), डॉ. नारायण प्रसाद, अध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी विभाग, पीजीआई, डॉ. सुजाता देव, प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग, केजीएमयू,डॉ. नरेंद्र देव, कंसलटेंट फिजिशियन, राज-भवन, डॉ. संतोष कुमार, प्रोफेसर, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू, डॉ. पुष्प लता शंखवार, प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग, केजीएमयू, डॉ. आर. के. दीवान, प्रोफेसर, एनोटॉमी विभाग, केजीएमयू, महेंद्र कुमार सत्या, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कमल बाजपेई आयकर अधिकारी, एस के शर्मा अपर आयुक्त आयकर, संतोष कुमार अटल बिहारी बाजपेई विश्वविद्यालय, फैजल खान, एम.एस.डब्ल्यू, के.जी.एम.यू,शामिल रहे।
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