बरेली : डिजिलॉकर पर डिग्री मार्कशीट अपलोड करने में रुविवि देश पहले नंबर पर
बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के तहत डिजिलॉकर पर सबसे अधिक 4 लाख 80 हजार डिग्री और मार्कशीट अपलोड करने पर देश में पहले स्थान पर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से गठित राष्ट्रीय शिक्षा नीति जोन ग्रुप ने इसकी सूचना विश्वविद्यालय को दी है।
कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि डिजिलॉकर पर मार्कशीट और डिग्री उपलब्ध होने से छात्रों को अत्यधिक लाभ होता है, क्योंकि उन्हें मार्कशीट और डिग्री के लिए सत्यापन के लिए विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रहित के कार्यों को प्रथम वरीयता देता है और उसके लिए संपूर्ण रूप से प्रतिबद्ध एवं कटिबंध है।
सर्वाधिक दस्तावेज अपलोड करने वाले टॉप 25 संस्थान
पिछले 100 दिनों में देश के 450 से अधिक संस्थानों ने एपीएएआर आईडी के साथ 45 लाख से अधिक क्रेडिट-पैटर्न रिकॉर्ड अपलोड किए हैं। इनमें रुहेलखंड विश्वविद्यालय 4.8 लाख रिकॉर्ड के साथ पहले स्थान पर है। इसके अलावा गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने 3.5 लाख, मैसूर विश्वविद्यालय ने 2.2 लाख, उत्कल विश्वविद्यालय भुवनेश्वर ने 1.7 लाख, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या ने 1.6 लाख रिकॉर्ड, वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय सूरत ने1.6 लाख, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर ने 1.6 लाख, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ ने 1.2 लाख, दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक लाख, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर ने 98 हजार, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर ने 93 हजार, महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने 93 हजार, मैंगलोर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तू ने 77 हजार, नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय कोलकाता ने 73 हजार रिकॉर्ड, आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम ने 68 हजार, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर ने 61 हजार, रानी चन्नम्मा विश्वविद्यालय, बेलगावी ने 56 हजार, एसआरएम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई ने 56 हजार, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, छत्रपति संभाजीनगर ने 55 हजार अभिलेख, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर ने 51 हजार, गांधी प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (गीतम) ने 51 हजार, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने 51 हजार और मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर ने 50 हजार रिकॉर्ड अपलोड किए हैं।