दिल्ली कोचिंग हादसा: जांच के लिए गृह मंत्रालय ने गठित की समिति, LG ने की प्रत्येक पीड़ित के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजे की घोषणा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले की जांच के लिए अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में सोमवार को एक उच्च स्तरीय समिति गठित की।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि समिति कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, सुझाव देगी और नीतिगत बदलावों की सिफारिश करेगी। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के अलावा, समिति में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त और अग्निशमन सलाहकार सदस्य होंगे तथा गृह मंत्रालय में एक संयुक्त सचिव इसके संयोजक होंगे। प्रवक्ता ने बताया कि समिति 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में शनिवार रात बारिश के बाद पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर गैर इरादतन हत्या व अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी और सदस्यों ने मांग की कि जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
मृतक के परिवार को 10 लाख का ऐलान
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उन तीन अभ्यर्थियों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की सोमवार को घोषणा की, जिनकी यहां ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से मौत हो गई थी।
राज निवास से जारी बयान के अनुसार, उपराज्यपाल ने इस दुखद घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की और दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस), पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। बयान में कहा गया है कि प्रत्येक पीड़ित के परिजन को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
बयान में कहा गया है कि इस साल की शुरुआत में मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के तहत गठित एमसीडी और डीएफएस का एक संयुक्त कार्य बल राजेंद्र नगर क्षेत्र की सभी इमारतों का सर्वेक्षण भी करेगा। बयान में कहा गया है कि यह सभी ‘बेसमेंट’ और अन्य अवैध संरचनाओं को सील करेगा, जो भवन उपनियमों, दिल्ली मास्टर प्लान (एमपीडी) 2021 और अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।
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