चीन ने क्वाड देशों पर 'कृत्रिम रूप से तनाव पैदा करने' का लगाया आरोप 

चीन ने क्वाड देशों पर 'कृत्रिम रूप से तनाव पैदा करने' का लगाया आरोप 

बीजिंग। चीन ने सोमवार को अमेरिका और भारत समेत चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह के देशों पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में अन्य देशों के विकास को ‘‘रोकने’’ के लिए ‘‘कृत्रिम रूप से तनाव पैदा करने’’ और ‘‘टकराव भड़काने’’ का आरोप लगाया। बीजिंग का यह बयान तब आया है जब कुछ घंटों पहले अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया वाले क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने टोक्यो में एक बैठक में स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को लेकर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की तथा एक ऐसा क्षेत्र बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया, जहां कोई भी देश दूसरे देश पर हावी न हो और प्रत्येक राष्ट्र हर प्रकार के दबाव से मुक्त हो। 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि क्वाड ‘‘अन्य देशों का विकास रोकने के लिए कृत्रिम रूप से तनाव पैदा कर रहा है और टकराव को भड़का रहा है।’’ लिन ने कहा कि यह एशिया-प्रशांत में शांति एवं विकास और स्थिरता की वैश्विक प्रवृत्ति के खिलाफ है।

चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए टोक्यो में हुई बैठक में ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र एवं नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और राष्ट्रों की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करने का भी आह्वान किया। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने हिस्सा लिया। 


चारों विदेश मंत्रियों ने चीन का सीधे तौर पर नाम लिए बिना पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और किसी भी ऐसी एकतरफा कार्रवाई’’ के प्रति ‘क्वाड’ के कड़े विरोध को दोहराया ‘‘जिसके जरिए बल या दबाव से यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जाती है। लिन ने कहा कि चीन का मानना ​​है कि देशों के बीच सहयोग और क्षेत्रीय पहल आपसी विश्वास और सहयोग को नुकसान पहुंचाने वाले छोटे गठजोड़ बनाने के बजाय क्षेत्रीय विकास, स्थिरता और समृद्धि के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करता है और बातचीत व परामर्श के माध्यम से समुद्री मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

अमेरिका के स्पष्ट संदर्भ में, लिन ने कहा कि कुछ देश मतभेद पैदा करने, संघर्ष पैदा करने और छोटे गठजोड़ बनाने के लिए अपने सैन्य जहाज भेजते हैं। यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बन गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे अपने हितों की रक्षा का दावा करते हैं लेकिन अपने कानून दूसरों पर थोपते हैं।’’ लिन ने कहा कि क्वाड देशों को संघर्षों को भड़काने और आग में धी डालने के बजाय स्थिरता बनायी रखनी चाहिए। 

 मंत्री जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार किया 
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच मुद्दे का समाधान उन्हीं दोनों को निकालना है। जयशंकर ने तोक्यो में संवाददाता सम्मेलन में कई सवालों के जवाब में कहा, भारत और चीन के बीच वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए हम अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।

क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए टोक्यो आए जयशंकर ने यह भी कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हमारे बीच एक समस्या है, या मैं कहना चाहूंगा कि भारत और चीन के बीच एक मुद्दा है...मुझे लगता है कि हम दोनों को इस पर बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।

उन्होंने इस महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ दो बार हुई अपनी बैठक को याद करते हुए कहा, “जाहिर है, दुनिया के अन्य देशों की भी इस मामले में रुचि होगी, क्योंकि हम दो बड़े देश हैं और हमारे संबंधों की स्थिति का बाकी दुनिया पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन हम अपने बीच के वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।” जयशंकर और वांग की पिछले सप्ताह लाओस की राजधानी में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) की बैठकों में भाग लिया था।

बैठक के दौरान, उन्होंने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की थी। चार जुलाई को जयशंकर और वांग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में मुलाकात की थी। 

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