पीएम मोदी के मुरीद हुए जो बाइडेन, यूक्रेन के प्रति शांति के संदेश-मानवीय समर्थन के लिए की तारीफ
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और यूक्रेन के लिए उनके 'शांति के संदेश' एवं 'मानवीय समर्थन' को लेकर उनकी सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की कीव की ऐतिहासिक यात्रा पर और संवाद तथा कूटनीति के माध्यम से जल्दी शांति लौटने की संभावना पर चर्चा की। मोदी की 23 अगस्त की कीव यात्रा को कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बाइडेन प्रशासन ने पिछले महीने उनकी रूस यात्रा की आलोचना की थी और कई पश्चिमी देशों ने इस पर नाराजगी जताई थी।
कीव यात्रा के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए और भारत शांति बहाल करने में 'सक्रिय भूमिका' निभाने के लिए तैयार है। मोदी की यात्रा के तीन दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की पहल पर सोमवार को दोनों नेताओं की बातचीत हुई बाइडेन ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा पर चर्चा करने के लिए फोन पर उनसे बात की और यूक्रेन के लिए शांति के उनके संदेश और मानवीय समर्थन को लेकर उनकी सराहना की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।’’ मोदी की रूस, पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा तथा बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी।
व्हाइट हाउस ने इस फोन वार्ता की जानकारी दी और बांग्लादेश का कोई उल्लेख नहीं किया जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में जिक्र किया। मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में यूक्रेन की आजादी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई है, जिससे कुछ पश्चिमी देशों में नाराजगी फैल गई थी।
व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं ने मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा के साथ-साथ सितंबर में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों पर भी चर्चा की। उसने कहा, ‘‘राष्ट्रपति (बाइडेन) ने पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए प्रधानमंत्री (मोदी) की सराहना की, जो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इन देशों की पहली यात्रा थी। बाइडेन ने यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र के लिए सहयोग के अलावा वहां शांति और मानवीय समर्थन के वास्ते मोदी के संदेश की भी सराहना की।’’
व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडेन और मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने निरंतर समर्थन की पुष्टि की। उसने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) जैसे क्षेत्रीय समूहों सहित अन्य मंचों के जरिये मिलकर काम करने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।’’
इस बीच मोदी के साथ बाइडेन की टेलीफोन बातचीत पर टिप्पणी करते हुए व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यह कहना सही होगा कि उन्होंने निश्चित रूप से यूक्रेन और प्रधानमंत्री की कीव यात्रा तथा राष्ट्रपति जेलेंस्की की न्यायपूर्ण शांति योजना के तहत आगे बढ़ने की संभावनाओं के बारे में बात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अन्य किसी देश का भी स्वागत करते हैं जो इस न्यायपूर्ण शांति के लिए काम करने में राष्ट्रपति जेलेंस्की की मदद करे।’’ मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बाइडन के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली से जुड़े प्रयासों के लिए भारत का पूर्ण समर्थन दोहराया।’’ मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने और बाइडन ने बांग्लादेश के हालात पर भी चर्चा की और वहां सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली और अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद भारत लगातार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दे रहा है।
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