मुरादाबाद : रतनपुर कलां गांव में मिला मलेरिया का पहला रोगी, टीएमयू में चल रहा इलाज
पचास साल के श्रमिक को हुआ मलेरिया, पूरे परिवार के सैंपल निगेटिव आए आंबेडकरनगर से संक्रमित होकर आया था श्रमिक
मुरादाबाद, अमृत विचार। बारिश के सीजन में जिले में मलेरिया का पहला रोगी कुंदरकी ब्लॉक क्षेत्र के रतनपुर कलां गांव में मिला है। हालांकि इसके स्वस्थ हो जाने की बात बताई जा रही है। फिलहाल, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अनुभाग की एक टीम गुरुवार को रतनपुर कलां गांव पहुंची थी। टीम ने यहां ग्रामीणों को मलेरिया-डेंगू मच्छर से बचाव के तरीके समझाए। पूरे गांव में साफ-सफाई का निरीक्षण किया, जहां गंदगी व जल भराव मिला, उसे तुरंत ग्राम प्रधान से अनुरोध कर निस्तारित कराया।
मलेरिया बुखार से प्रभावित व्यक्ति करीब 50 साल का है। मौके पर पहुंचे मलेरिया निरीक्षक शेखर गुप्ता ने बताया कि संबंधित ग्रामीण अंबेडकरनगर जिले के अकबरपुर से अपने घर लौटा था। वह वहीं मजदूरी करता है। इसके बाद बुखार होने पर वह टीएमयू में भर्ती हुआ था। इसके बाद 4 जुलाई को ही रतनपुर कलां पहुंचकर रोगी के परिवार के अन्य सभी सदस्यों के उन्होंने सैंपल संग्रहीत किए थे, जो जांच में निगेटिव आए हैं। मलेरिया निरीक्षक ने बताया कि रोगी टीएमयू से ठीक होकर अपने घर लौट आया है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि मजदूर अंबेडकर नगर के अकबरपुर से डेढ़ माह से रह रहा था, उसे वहीं मलेरिया का संक्रमण लग गया था।
मलेरिया निरीक्षक ने बताया कि दोबारा वह गुरुवार को रतनपुर कला गांव गए थे। वहां वह पूर्व के रोगी के घर में पानी के ठहराव वाले स्थलों का निरीक्षण भी किया और घर की छत पर भी जाकर देखा। इसके बाद टीम के साथ ग्रामीणों को डेंगू-मलेरिया मच्छर से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है। गांव में सफाई कर्मी से एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया गया है। गांव वालों को बताया है कि फ्रीज के ट्रे में पानी भरा होने से लार्वा पैदा हो जाता है। कूलर का पानी 24 घंटे बाद बदलें। चूंकि, इतनी ही अवधि में ठहराव वाले पानी में मच्छर का लार्वा पैदा हो जाता है। मलेरिया निरीक्षक ने प्रधान, सेक्रेटरी के साथ ग्रामीणों की गोष्ठी की और उन्हें जागरूकता वाले पंफलेट बांटे हैं।
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