रुद्रपुर: अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के दौरान कोतवाल ने मारा महिला को धक्का, भड़क उठे विधायक

रुद्रपुर, अमृत विचार। गुरुवार को उस वक्त अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में हंगामा और बल का प्रयोग हुआ जब कोतवाल ने एक महिला को धक्का मार कर नीचे गिरा दिया। इससे वहां मौजूद विधायक शिव अरोरा का पारा चढ़ गया और उन्होंने पुलिस प्रशासन को जमकर खरी खोटी सुनाई। साथ ही हिरासत में लिए गए चार युवकों को छ़ुड़वाया।
गुरुवार को अतिक्रमण ध्वस्तीकरण को लेकर विधायक शिव अरोरा डीएम से मुलाकात करने के बाद जब गांव दानपुर अतिक्रमण स्थल पहुंचे। तभी अचानक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में लगी जेसीबी मशीन पर कुछ युवकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। चालक के चोटिल होते ही पुलिस अपना नियंत्रण खो बैठी और पत्थरबाजी के आरोपी युवकों को पकड़ने के लिए दौड़ी। तभी वहां मौजूद एक महिला ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसे देखकर रुद्रपुर कोतवाल आवेश में आ गए और महिला को जोर से धक्का दे दिया।
महिला के नीचे गिरते ही मामला बिगड़ने लगा और कोतवाल द्वारा धक्का देने और पुलिस की बर्बरता शुरू होता देख विधायक अरोरा का पारा चढ़ गया और पुलिस को खरी खोटी सुनाने लगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से काबिज लोगों का आशियाना टूटता देख हर कोई परेशान है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने बर्बरता दिखाई तो वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे। साथ ही चेतावनी दी कि पुलिस ने किसी को भी हिरासत में लिया तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। विधायक की चेतावनी के बाद पुलिस ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोक दिया और हिरासत में लिए गए चार युवकों सहित महिला को छोड़ दिया।
गिड़गिड़ाते रहे चिह्नित कब्जा धारक
गुरुवार को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रारंभ हुई। कार्रवाई प्रारंभ होते ही कब्जा धारक लगातार अधिकारियों से कुछ देर के लिए राहत देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अधिकारियों ने न्यायालय का आदेश का हवाला देते हुए कब्जा धारकों की एक नहीं सुनी। इसके अलावा कुछ लोगों ने जेसीबी मशीन के आगे खड़े होकर घर का सामना निकालने तक की गुहार लगाई। कोई सुनवाई नहीं होने के कारण आंखों में आंसू लिए कब्जा धारक अपने आशियाना टूटता हुआ देख भावुक होने लगे।
रणनीति बनाकर प्रशासन ने तोड़ा अतिक्रमण
दानपुर के समीप हाईवे किनारे बसे लोगों को हटाने की रणनीति तीन दिन पहले ही बन चुकी थी। यही कारण है कि गुरुवार को अचानक पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण ध्वस्त कराने पहुंचे। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में रुद्रपुर, गदरपुर, ट्रांजिट कैंप, पंतनगर सहित पीएसी की महिला व पुरुष की एक कंपनी को बुलाया गया था। सुबह 10 बजे ही हाईवे का यातायात वनवे कर दिया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर यातायात को एक तरफा संचालित किया। इससे यह साफ हो गया था कि प्रशासन ने अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पहले ही बना ली थी।
पीडब्ल्यूडी की भूमि पर काबिज लोगों का मामला उनके संज्ञान में था। पिछले दो सालों से आशियाने बचाने के लिए न्यायालय की शरण ली थी, लेकिन हर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सर्वोपरि है। बावजूद प्रशासन को 24 घंटे का समय देना चाहिए था। इसलिए डीएम से मुलाकात की गई। जिस प्रकार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के नाम पर कोतवाल ने एक महिला को धक्का देकर गिरा देना और पुलिस कर्मियों द्वारा दौड़ा-दौड़ाकर युवकों को हिरासत में लेना निंदनीय व दुखद है। पुलिस की इस कार्य शैली की शिकायत आला अधिकारियों से की जाएगी।
-शिव अरोरा, विधायक, रुद्रपुर