दाम बढ़े तो मिर्च की पैदावर में गर्मी की मार: पौधों में नहीं आ रहा फल, किसान परेशान

दाम बढ़े तो मिर्च की पैदावर में गर्मी की मार: पौधों में नहीं आ रहा फल, किसान परेशान

देवा/बाराबंकी, अमृत विचार: महाराष्ट और आंध्रप्रदेश सहित अन्य मंडियों में धूम मचाने वाली देवा क्षेत्र की हरी मिर्च पर बीते दिनों पड़ी भीषण गर्मी ने ग्रहण लगा दिया है। खेतों में पौधे तो हरे भरे है लेकिन उसमें फल नहीं आ रहा है। जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं।
देवा क्षेत्र में हरी मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं। जिसमें मिर्च की 6807, 1902, अर्चना और गोमती आदि प्रजातियों की देश महाराष्ट और आंध्रप्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के जौनपुर, वाराणसी, सुल्तानपुर, गोरखपुर व कानपुर सहित अन्य मंडियो में काफी डिमांड होती है, लेकिन बीते दिनों भीषण गर्मी की मार झेल चुके मिर्च के पौधों में फल आना बंद हो गया है। किसानों द्वारा दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है। जिससे पौधों फूल तो आ रहा है, लेकिन उसमें मिर्च न लगने से किसान काफी परेशान हैं। देवा क्षेत्र के पींड गांव निवासी प्रदीप मौर्य बताते है कि दो बीघा में मिर्च की खेती की थी। शुरुवात में जब भाव कम था तो मिर्च की अच्छी पैदावार हुई लेकिन अब भाव अच्छा है तो पौधों में फल नहीं आ रहा है किसान रामविलास मौर्य बताते है कि पिछले दिनों हुई अत्यधिक गर्मी के चलते पौधों पर विपरीत असर पड़ा हुआ। इस वजह से पौधों में फल नहीं आ रहा है। अब बारिश शुरू हो गई है जिससे जलभराव वाले खेतों में पौधे नष्ट हो जायेंगे मिर्च व्यवसाई अवधराम यादव बताते हैं कि शुरुआत में मिर्च 16 रुपए प्रति किलो से शुरू होकर इस समय 70 रुपये किलो के भाव में बिक रही है लेकिन पौधों में फल न आने से मिर्च की आमद काफी हद तक कम हो गई है। किसान खेतों में दावों का छिड़काव भी कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।

किसान अपने मिर्च के पौधों मोनो जिंक सहित और अन्य दवाएं भी आती हैं जो पौधा देखकर बताई जा सकती हैं। उन दावों का छिड़काव करने पर पौधों में फल आ सकते हैं। किस किस के पौधों में क्या दिक्कत है वह तो पौधा देखने के बाद ही पता चल सकता है।
सत्य प्रकाश प्रभात, पौध रक्षा अधिकारी, देवा बाराबंकी

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