![Bareilly news: बाइक और टेंपो में भिड़ंत, पांच वर्षीय बालक समेत तीन की मौत](https://www.amritvichar.com/media/c200x160/2024-06/accident6.jpg)
3 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन आधुनिक समाज का बेजोड़ चित्रण करने वाले महान लेखक काफ्का का हुआ था जन्म
![3 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन आधुनिक समाज का बेजोड़ चित्रण करने वाले महान लेखक काफ्का का हुआ था जन्म](https://www.amritvichar.com/media/2024-06/itihas11-(1)-(1)114.jpg)
नई दिल्ली। बीसवीं सदी के महान लेखक फ्रांज काफ्का का जन्म प्राग में तीन जुलाई, 1883 को हुआ था। उनकी रचनाएं आधुनिक समाज का बेजोड़ चित्रण करती हैं और दुनिया भर के साहित्यकार उनसे प्रेरणा पाते हैं।
उनके वैश्विक महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके नाम पर शब्द तक गढ़ा गया है। मनुष्य की ऐसी परिस्थिति, जिसमें उसे कोई रास्ता नहीं सूझता और वह चारों ओर मुश्किलों में घिरा होता है उसे ‘काफ्काएस्क’ कहा जाता है। उनकी रचनाएं ‘मेटामाफोर्सिस’, ‘द ट्रायल’ और ‘द कैसल’ को दुनियाभर में खूब सराहना मिली। देश दुनिया के इतिहास में तीन जुलाई के नाम पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1720 : स्वीडन और डेनमार्क ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1760 : मराठा सेना ने दिल्ली पर अधिकार किया।
1778 : प्रशा ने ऑस्ट्रिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की।
1876 : मांटनीग्रो ने तुर्की के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया।
1883 : महान लेखक फ्रांज काफ्का का प्राग में जन्म।
1884 : स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अपना पहला स्टॉक इंडेक्स जारी किया।
1908 : ब्रिटिश सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को गिरफ्तार किया।
1941 : भारतीय सिने प्रतिभा अडूर गोपालकृष्णन का जन्म।
1947: सोवियत संघ ने मार्शल योजना में भाग लेने से मना कर दिया।
1951 : न्यूजीलैंड के महान तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली का जन्म।
1962 : अमेरिकी अभिनेता टॉम हैंक्स का जन्म।
1971 : विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का जन्म।
1996 : हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता राजकुमार का निधन। उन्होंने संवाद अदायगी के अनूठे अंदाज के चलते रूपहले पर्दे पर अपनी एक खास जगह बनाई।
2018 : मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को गिरफ्तार किया गया।
2020: मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन।
ये भी पढ़ें- 2 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन अंतिम स्वतंत्र नवाब की हत्या के साथ अंग्रेजी शासन की पड़ी थी नींव