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कासगंज जिले के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं भोले बाबा, पहले भी बाबा के सत्संग के बाद होते रहे हैं हादसे
कई बार हादसों में जाती रही है जान, लेकिन अनुयायियों में रही है अटूट आस्था
![कासगंज जिले के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं भोले बाबा, पहले भी बाबा के सत्संग के बाद होते रहे हैं हादसे](https://www.amritvichar.com/media/2024-07/053.jpg)
कासगंज/हाथरस, अमृत विचार। जिन भोले बाबा के सत्संग के समापन पर हाथरस जिले में भगदड़ के बाद यह हादसा हुआ है। वह भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली क्षेत्र तहसील क्षेत्र के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं। पहले भी उनके सत्संग के बाद हादसे होते रहे हैं और जान जाती रही हैं, लेकिन मौतों के बाद भी अनुयायियों में उनके प्रति अटूट आस्था बनी रही है। इस बार उनके सत्संग में मची भगदड़ से हुई तमाम मौतों के बाद अब तमाम परिवार टूट चुके हैं। परिवारों में मातम छाया हुआ है।
वैसे तो वे पूर्व में पुलिस विभाग में सेवा दे चुके हैं, लेकिन उन्होंने स्वयं को भोले बाबा के नाम से संबोधित करने के लिए सत्संग का सहारा लिया और सत्संग करने लगे। धीमे-धीमे उन्हें लोग भगवान की तरह पूजने लगे। कासगंज जिले के गांव पटियाली तहसील क्षेत्र के गांव बहादुर नगर के रहने वाले भोले बाबा के सत्संग देश भर में होते हैं और वहां बड़ी भीड़ उमड़ती है। यही कारण रहता है कि भीड़ के दौरान हादसों की आशंका भी बनी रहती है। हुआ भी यही।
स्वयं के वालंटियर संभालते हैं व्यवस्था
भोले बाबा के सत्संग में बड़ी संख्या में अनुयायी उमड़ते हैं। यहां पुलिस तो व्यवस्था संभालती ही है, बल्कि भोले बाबा के वालंटियर स्वयं भी व्यवस्था संभालते हैं। इस बार पुलिस के साथ-साथ वालंटियर की व्यवस्था भी फेल हो गई और यह बड़ा हादसा हो गया।
पिछले साल गई थी 11 जानें
पिछले साल भोले बाबा का सत्संग पटियाली के बहादुर नगर में चल रहा था। यहां सत्संग से लौट रहे लोग अनुयायी जब बदायूं मैनपुरी हाईवे पर पहुंचे तो ऑटो अनियंत्रित बोलेरो कार से टकरा गया, जिसमें 11 अनुयायियों की मौत हुई थी। तब माहौल गमगीन बना रहा, लेकिन धीमे-धीमे अनुयायियों में फिर से आस्था जाग उठी।
शहर में भी कई बार हो चुका है कार्यक्रम
भोले बाबा के सत्संग का कार्यक्रम शहर में भी कई बार हो चुका है। शहर के सबसे बड़े खेल मैदान बारह पत्थर मैदान पर यह आयोजन हो चुका है। समीपवर्तीय गांव मोहनपुरा में भी एक बार भोले बाबा का सत्संग हुआ था। भोले बाबा के सत्संग में लाखों की संख्या में अनुयायी उमड़ते हैं। स्टेशन से बस स्टैंड से लेकर सार्वजनिक स्थलों और कार्यक्रम स्थल पर भी बाबा के वालांटियर रहते हैं।
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