लखनऊ: भुगतान की समय सीमा बढ़ाने के लिए कारोबारियों ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र

व्यापारियों ने 43 बी (एच) कानून पर जताई नाराजगी, समय सीमा 45 दिन के बजाए 90 दिन करने की मांग उठाई

लखनऊ: भुगतान की समय सीमा बढ़ाने के लिए कारोबारियों ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र

लखनऊ, अमृत विचार। एमएसएमई में पंजीकृत व्यापारियों के लिए 45 दिनों में भुगतान की बाध्यता के लिए लागू किए गए 43 बी (एच) प्रावधान से कारोबारी परेशान हैं। उन्होंने समय सीमा बढ़ाकर 90 दिन करने की मांग करते हुए वित्त मंत्री को पत्र भेजा है।

उप्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल का कहना है कि 45 दिन में भुगतान की बाध्यता व्यापारियों की कमर तोड़ने वाला है। रिटेल कारोबारी समय से पेमेंट नहीं करता है। बजट में इस पर विचार किया जाना चाहिए। लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र का कहना है कि जबरन थोपा गया यह कानून ठीक नहीं है। भुगतान की अवधि 45 दिन से बढ़ाकर 90 दिन किया जाए जिससे व्यापारी को राहत मिले। बजट में इस पर सरकार सोचे तो बेहतर होगा।

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता का मानना है कि इस धारा का दुष्परिणाम सामान्य व्यापारियों पर पड़ रहा है। सरकार को अगले वित्तीय वर्ष के लिए स्थगित कर देना चाहिए। लखनऊ व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष प्रभू जालान के अनुसार , माल ले जाने वाला व्यापारी भुगतान तय समय पर नहीं कर पाता है। ऐसे में 45 दिन में भुगतान की बाध्यता से व्यापारियों की दिक्कत बढ़ जाएगी।

उप्र कपड़ा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी ने कहा कि रेडीमेड और होजरी पर जीएसटी दरें पांच प्रतिशत की जाए। स्टेशनरी निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि स्टेशनरी के कारोबार का यही समय है। पूरे साल की कमाई के लिए इसी दो-तीन महीने में होती है। ऐसे में भुगतान के लिए बना यह नियम कारोबार को चौपट कर देगा।

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