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बाराबंकी : प्राकृतिक संतुलन को बचाने के लिए लगाएं आम के पेड़: वसीम अहमद
गोल्डेन दशहरी, केसर, हिमसागर और बनाना मैंगो रहे आकर्षण का केंद्र
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बाराबंकी, अमृत विचार। धरती के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका एकमात्र कारण पेड़-पौधों की कटाई है। यदि समय रहते पेड़-पौधों का संरक्षण नहीं किया गया तो संतुलन बिगड़ जाएगा। यह बातें तेरहवां आम महोत्सव एवं गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व आईपीएस सैयद वसीम अहमद ने कहीं। रविवार को स्थानीय मुगल दरबार में स्वर्गीय राजीव चौधरी पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा आयोजित आम महोत्सव में बागवानी और आम के शौकीनों का जमवाडा़ लगा।
प्रदर्शनी में आम की कुल 150 प्रजातियों से अधिक उन्नत और देशी प्रजाति के आम का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में गोल्डेन दशहरी, रवासुल खास, गोल्डेन लंगड़ा, दिल पसंद, केसर, हिमसागर, अल्फांसो, तोता परी, सुर्खा, नीलम और बनाना मैंगो आदि शामिल रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि आम भारतीस संस्कृति से जुड़ा हुआ फल है।
आम के बाग स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखती है। आम महोत्सव में आम की प्रजाति याकूती, अंबिका, आम्रपाली, सेंसेशन, टॉमी एटकिंसन का जलवा बरकरार रहा। ये किस्में अपनी गुणवत्ता, अच्छे रंग के कारण प्रसिद्ध है। वहीं प्रदर्शनी में गुलाब खास, मल्लिका, हुश्नआरा, अम्बिका, पान पराग, जाफरान, मोहन भोग, नीलम केसर, बेनजीर, आम्रपाली, लता, तोतापरी, याकूती, सुर्ख दशहरी, गुलाब खास, चौसा, नूरजहां, स्वर्ण रेखा, जौहरी सफेदा, लंगड़ा, खजुरी, लंगड़ा बनारसी, राम केवड़ा, मुमताज पसंद, मक्खन आदि विशेष प्रजातियांे का प्रदर्शन किया गया। गोष्ठी का संचालन मो. उमैर किदवाई ने किया। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक जतिन चौधरी ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर समिति के उपाध्यक्ष सलाउद्दीन सिद्दीकी उर्फ शेखू, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाल बारी किदवई, समाजसेवी अनवर महबूब किदवाई, वरिष्ठ पत्रकार हसमत उल्लाह, आदिल हसन, अजय सिंह गुरूजी, विनय कुमार सिंह, मिसबाह किदवई, चौधरी जावेद अहमद, हुमायूं नईम खान, दानिश किदवई, राकेश त्रिवेदी, विजय कुमार वर्मा, तौहीद खान, नैयर जमाल, विजय अवस्थी आदि प्रदेश व जिलेभर से आम की बागवानी के शौकीन लोग उपस्थित रहे।
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