अम्बेडकरनगर : लाखों रुपए खर्च के बाद भी बदहाल पड़े अमृत सरोवर

जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते जल संरक्षण की व्यवस्था फेल, पानी को तरस रहे हैं अमृत सरोवर

अम्बेडकरनगर : लाखों रुपए खर्च के बाद भी बदहाल पड़े अमृत सरोवर

अंबेडकरनगर, अमृत विचार। गावों के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए हरा भरा परिसर और जल संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अमृत सरोवर बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। अमृत सरोवर की बदहाल स्थिति केंद्र और प्रदेश सरकार की महती योजना को पलीता लगा रहे हैं। यह हाल है जलालपुर ब्लॉक के दो ग्राम पंचायतों में बने अमृत सरोवर का है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने गावों की खुशहाली पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर योजना की नीव रखी थी। लेकिन मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही और समय से भुगतान नहीं किया जाना बदहाली का कारण बन गया है। वर्तमान समय में इन अमृत सरोवर की दशा काफी खराब है। अमृत सरोवर तालाब पेठिया आबादी से दूर लगभग 28 लाख रुपए की लागत से निर्मित किया गया है।

जहां पर गेट लगाने का ढांचा तो बना है लेकिन रंग व रोगन लोहे का गेट नहीं लगा है। इसी के सामने तीन सीमेंट के बेंच रखे गए हैं। यहां लगे साइन बोर्ड पर अधिकारियों और कर्मचारियों समेत प्रधान आदि का नाम तो लिखा गया है लेकिन अनुमानित लागत का कालम नहीं भरा गया है। लगभग तीन से चार बीघा में फैले इस तालाब पानी के लिए तरश रहे हैं। पूर्व में निर्मित बंधा कई स्थानों पर कट गया है। तालाब की तलहटी की कम खुदाई की गई है। पूरे बंधा पर पेड़ लगाए गए हैं, लेकिन टहलने के लिए इंटरलॉकिंग आदि का कार्य नहीं किया गया है। जल संरक्षण की व्यवस्था फेल हो गई है। तालाब को सुरक्षित रखने के लिए कटीले तार और खंभा आदि की कोई व्यवस्था नहीं है।

अमृत सरोवर तक पहुंचने के लिए नहीं है रास्ता : अमृत सरोवर तालाब जफरपुर तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। यहां लगे साइन बोर्ड पर इस तालाब के निर्माण की लागत 16 लाख 99 हजार रुपए है। तलहटी में थोड़ा पानी है, शेष तालाब सुखा पड़ा हुआ है। बरसात का पानी निकालने के लिए दोनों तरफ बनाई गई नाली टूटने लगी है। वहीं तालाब के चारों तरफ बनाया गया बंधा कई जगह कट गया है। बैठने के लिए रखी गई 10 कुर्सियों पर जमी मिट्टी किसी आगंतुक के यहां नहीं पहुंचने का संकेत कर रही। अमृत सरोवर के चारों तरफ कटीला तार आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल अमृत सरोवर निर्माण योजना लापरवाही का शिकार हो गई है।

एपीओ बोले : एपीओ मनरेगा मनोज वर्मा ने बताया कि अमृत सरोवर में क्या कार्य किया गया है या नहीं इसकी स्थलीय जांच करूंगा। इसका इस्टीमेट देखा जाएगा। इसके बाद यदि बजट के अनुसार कार्य नहीं किया गया है तो कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। 

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