शाहजहांपुर: हत्या में पिता-पुत्र सहित तीन को आजीवन कारावास, जानिए पूरा मामला
शाहजहांपुर, अमृत विचार: गढ़िया रंगीन के गांव परिउना में वर्ष 2007 में नाली के विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने पिता-पुत्र सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक अभियुक्त को 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। चौथा अभियुक्त नाबालिग होने की वजह से उसकी पत्रावली अलग कर दी गई।
थाना गढ़िया रंगीन क्षेत्र के गांव परिउना निवासी रामेश्वर का गांव के केसरी आदि से नाली को लेकर विवाद चल रहा था। 25 अप्रैल 2007 को नाली खोदने को लेकर शाहबुद्दीन, केसरी आदि से विवाद हो गया। जिसमें आरोपी लाठी-डंडा व तमंचा लेकर आ गए। झगड़ा बढ़ने पर शाहबुद्दीन ने अपने बेटे जबरशेर व केसरी और रमेश पुत्र केसरी के साथ मिलकर गाली-गलौज करते हुए रामेश्वर पर हमला बोल दिया।
शाहबुद्दीन ने तमंचे से रामेश्वर पर फायर कर दिया। गोली लगने से रामेश्वर की मौत हो गई। मामले की रिपोर्ट रामेश्वर के भाई लटूरी ने दर्ज कराई। विवेचना के उपरांत पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय भेज दिए। न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम कोर्ट संख्या दो में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान सुनने और शासकीय अधिवक्ता नरेश कुमार शर्मा के तर्को को सुनने के बाद पत्रावली का अवलोकन कर न्यायाधीश गरिमा सिंह ने दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त शाहबुद्दीन और उसके बेटे जबरशेर व केसरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
चौथा अभियुक्त रमेश घटना के समय नाबालिग होने के कारण बचाव पक्ष की ओर से उसे नाबालिग घोषित कर पत्रावली प्रथक किए जाने का प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर विशेष न्यायाधीश एससी एसटी गरिमा सिंह ने उसके शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन के लिए प्रधानाचार्य को तलब कर उनके ब्यान अंकित किए।
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