पीलीभीत: फजीहत ने जिम्मेदारों को नींद से जगाया, जेई पर जोर नहीं चल पाया...अब दोबारा बनेगा नाला

पीलीभीत: फजीहत ने जिम्मेदारों को नींद से जगाया, जेई पर जोर नहीं चल पाया...अब दोबारा बनेगा नाला

पीलीभीत, अमृत विचार: मानसून की पहली बारिश में निर्माणाधीन नाले की दीवार ढहने के बाद हुई फजीहत ने आखिरकार जिम्मेदारों को नींद से जगा दिया।  खुलकर न सही लेकिन अब जिम्मेदारों को भी उक्त नाले की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं लग रही है।  ठेकेदार को नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं, ओवरब्रिज से लेकर डिग्री कॉलेज तक उक्त नाले का दोबारा से निर्माण कराने के निर्देश ठेकेदार को दे दिए गए हैं।

बता दें कि नगर पालिका की ओर से शहर को जलभराव से बचाने के लिए नौ करोड़ की लागत से 22 नये नालो का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। इसी में शामिल करीब 44 लाख की लागत से एक नाला टनकपुर हाईवे पर ओवरब्रिज के पास बनवाया जा रहा था।  बुधवार को मानसून की पहली बरसात हुई और नाला निर्माण कार्य की गुणवत्ता खुलकर सामने आ गई।  

चार घंटे की बारिश भी ये नाला नहीं झेल सका। बारिश की शुरुआत में ही निर्माणाधीन नाले की दीवार ढह गई।  जिसके बाद नगर पालिका के जिम्मेदारों को लेकर सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए सोशल वार सा छिड़ गया। किसी  ने इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा तो कोई कमीशनबाजी का खेल बताता रहा। खैर, नये नाले की दीवार ढहने से जमकर फजीहत तो ही हो गई।  

जिसके बाद पहले तो जिम्मेदार चुप्पी साधकर साख बचाते रहे। मगर बाद में ठेकेदार को नोटिस देने की बात कही गई।  अब इस मामले में सख्ती का दावा किया गया है।  नगर पालिका की ओर से नाले का निर्माण करा रहे ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है।

वहीं, ये भी निर्देश दिए गए हैं कि जिस नाले की दीवार ढह गई थी।  उसको ओवरब्रिज से लेकर डिग्री कॉलेज चौराहा तक नए सिरे से दोबारा बनवाया जाए।  इस बार गुणवत्ता का खास ध्यान रखने को भी कहा गया है। दूसरे दिन भी बारिश हुई और जलभराव होने के बाद एक दिन पूर्व नाले की दीवार ढहने को लेकर ही मामला गरमाया रहा। फिलहाल नाले को दोबारा से बनवाने को लेकर काम शुरू कराने की तैयारी कर ली गई है 

..तो जेई पर नहीं चल रहा अफसरों का जोर
नगर पालिका के एक जेई की कई बार शिकायत जिला प्रशासन से भी की जा चुकी है। जिसमें समय से कार्यालय न पहुंचने से लेकर काम में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए थे। ये सब शिकायतें जांच के नाम पर दबा दी गई।  इससे पहले राज्यमंत्री के नगर पालिका पीलीभीत के प्रतिनिधि राकेश सिंह की ओर से एक नई सड़क का निरीक्षण किया गया था। उसमें भी गुणवत्ता संतोषजनक नहीं मिली थी। 

इस पर ईओ ने जवाब तलब किया था। निर्माण कार्य जेई की देखरेख में संपन्न कराने के निर्देश हैं।इसके बाद भी पहले सड़क और अब निर्माणाधीन नाले की गुणवत्ता पर सवाल उठा। जेई की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा लेकिन उस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। एक भाजपा नेता भी जेई की पूर्व में लिखित शिकायत कर चुके हैं। उसमें भी कोई खास एक्शन नहीं हो सका था।

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