बरेली गैंगवार: प्रशासन ने पढ़ा बुलडोजर मंत्र...बिल से निकला राणा, 90 फीसदी इमारत हुई ध्वस्त

बरेली गैंगवार: प्रशासन ने पढ़ा बुलडोजर मंत्र...बिल से निकला राणा, 90 फीसदी इमारत हुई ध्वस्त

बरेली, अमृत विचार: प्रशासन का बुलडोजर मंत्र फिर काम आया। माफिया जैसे अंदाज में शनिवार को पीलीभीत बाईपास पर प्लॉट पर कब्जे के लिए बीच सड़क दो घंटे तक भीषण गोलीबारी कराने का आरोपी राजीव राणा बृहस्पतिवार को संजयनगर में अपने होटल, दफ्तर और कोठी को गिराने की कार्रवाई शुरू होते ही हाजिर हो गया। हालांकि इसके बावजूद कार्रवाई नहीं रुकी।

सुबह 10:45 बजे चार बुलडोजर और दो पोकलैंड मशीनों ने राणा के होटल और कोठी को गिराना शुरू किया तो नौ घंटे बाद अंधेरा होने पर ही रुकीं। करीब 90 फीसदी हिस्सा इस बीच ढहा दिया गया। बाकी बचा 10 फीसदी शुक्रवार को गिराने की बात कही गई है।

गोलीकांड के मुख्य आरोपी राणा का संजयनगर की मेन रोड पर ही करीब ढाई सौ वर्ग गज में सिटी स्टार होटल एंड रेस्टोरेंट और उसके बगल में कार्यालय था। कार्यालय के ऊपर उसकी आलीशान कोठी बनी हुई थी। यह पूरी इमारत चार मंजिल की है।

गोलीकांड के बाद दो दिन पहले बीडीए की टीम राणा की कोठी और होटल की जांच करने पहुंची थी तो उसके परिजन इस इमारत का स्वीकृत नक्शा नहीं दिखा पाए थे। इसी के बाद ऊपर से संकेत मिलने के साथ इस इमारत को ध्वस्त करने की तैयारी गुपचुप ढंग से शुरू कर दी गई थी। बुधवार रात को ही बीडीए, प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली थी।

बृहस्पतिवार सुबह करीब 10:45 बजे भारी पुलिस फोर्स के साथ बीडीए टीम चार बुलडोजर लेकर संजयनगर पहुंची। पुलिस और बीडीए के अफसरों मेन गेट पर लगा ताला तोड़कर पहले पूरे परिसर की जांच की। कोठी में बेड, किचन, एसी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ही पाए गए। होटल की दोनों मंजिल के पांच-पांच कमरों में भी सिर्फ बेड पड़े थे। करीब 11 बजे कार्रवाई शुरू हो गई। दोपहर बाद दो पोकलैंड मशीनें भी मंगा ली गई। राणा के होटल और कोठी को ध्वस्त करने की कार्रवाई पूरे नौ घंटे तक चलती रही।

इस बीच दोपहर डेढ़ बजे राजीव राणा ने सीधे मौके पर ही पहुंचकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया लेकिन होटल और कोठी गिराने की कार्रवाई नहीं रुकी। शाम 7:45 बजे बुलडोजरों को तब रोका गया, जब अंधेरा होने के कारण कार्रवाई करने में दिक्कत आने लगी। इस समय तक सिर्फ 10 फीसदी इमारत ही तोड़ने के लिए बाकी बची थी जिसे अब शुक्रवार को तोड़ा जाएगा।

बुलडोजर हांफे तो मंगाई पोकलैंड, तोड़फोड़ की शुरुआत के बाद आया बिजली काटने का ख्याल
पुलिस टीम ने राणा के परिसर में घुसते ही सबसे पहले बिजली के कटआउट निकाल लिए। पुलिस के बाहर निकलते ही बुलडोजर ने रेस्टोरेंट की तरफ का शटर तोड़ना शुरू कर दिया।

इसी बीच किसी ने बिजली की लाइन काटने को कहा। तब सबस्टेशन फोन करके एक साइड की बिजली सप्लाई बंद कराई गई। तोड़फोड़ फिर शुरू हुई तो सीओ की नजर 33 हजार वोल्ट की लाइन पर गई तो उसे दोहना सबस्टेशन से उस पर भी शटडाउन लिया। इसके बाद पूरे इलाके की बिजली गुल हो गई और बुलडोजरों ने ताबड़तोड़ काम शुरू कर दिया।

दोपहर तीन बजे लगा कि सिर्फ बुलडोजरों से पूरी इमारत नहीं गिराई जा सकेगी तो एक-एक कर दो पोकलैंड मशीन मंगाई गईं। इसके बाद देर शाम तक कार्रवाई चलती रही।


संजयनगर से पीलीभीत बाईपास के बीच सात घंटे बंद रखी सड़क
मेन रोड पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी थी इसलिए सुरक्षा के लिहाज से संजयनगर मेन रोड मोड़ और पीलीभीत बाईपास से संजयनगर जाने वाले मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बंद करा दी गई। सड़क के दोनों छोर पर पुलिस ने अपनी जीपें लगा दीं। इससे पूरे दिन आवाजाही प्रभावित रही। शाम को काम से घर लौटे लोग पीलीभीत बाईपास पर इस रोड की तरफ मुड़े तो पुलिस ने रोक दिया। उन्हें इधर-उधर रास्ता तलाश कर अपने घर पहुंचना पड़ा।

मलबे में दबे घर की गुप्त अलमारियों से निकले दस्तावेज
गोलीकांड के बाद फरार हुए राणा के घर पर ताला लगा था। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले हथौड़े से मेन गेट का ताला तोड़ा गया। पूरे परिसर की जांच के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई। घर पर बुलडोजर चला तो दीवार के कोने पर बनी गुप्त अलमारियां टूटीं तो उनमें से दस्तावेजों के ढेर निकले जो मलबे में ही दबकर रह गए। कमरों में बेड, दीवारों पर टंगी तस्वीरें, फ्रिज और रसोई में रखा सामान भी कुछ ही देर में मलबे में तब्दील हो गया। मकान और होटल ऐसा बनाया गया था कि उसे तोड़ने में काफी समय लग गया।

दहशत में रहे पड़ोसी, कहीं हमारे घर में न आ जाए दरार
राणा का होटल टूटने के दौरान उसके पड़ोसी दहशत में दिखाई दिए। कारण यह था कि भारी तोड़फोड़ के दौरान राणा की इमारत का मलबा उनके घरों पर गिरने से कहीं उनका नुकसान न हो जाए। कुछ लोगों ने अफसरों के पास जाकर आग्रह किया कि तोड़फोड़ इस तरह की जाए कि मलबा उनकी दुकान या घर पर न गिरे। अफसरों ने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा का ख्याल रखते हुए व्यवस्था की गई है। अगर उनके घरों के सामने मलबा गिरेगा तो उसे साफ कराया जाएगा।

राणा की और संपत्तियों की जांच जारी
बीडीए उपाध्यक्ष मानिकनंदन ए भी सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर साढ़े तीन बजे तक मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि राजीव राणा की शहर में और भी संपत्तियों की जांच की जा रही है। देखा जा रहा है कि कहां-कहां संपत्तियां हैं और बीडीए से स्वीकृत हैं या नहीं। अभी पीलीभीत रोड पर एक संपत्ति का पता चला है, जिस पर कोई बैंक शाखा चल रही है।

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