बरेली: पुराने भवनों पर नहीं लागू होगा जीआईएस सर्वे के तहत टैक्स...क्योंकि शहर में फिर मुंह दिखाना है

बरेली: पुराने भवनों पर नहीं लागू होगा जीआईएस सर्वे के तहत टैक्स...क्योंकि शहर में फिर मुंह दिखाना है

बरेली, अमृत विचार। ज्यादातर पार्षदों और आम लोगों के साथ आईआईए और होटल वेलफेयर एसोसिएशन जैसे बड़े संगठनों के तगड़े विरोध ने आखिरकार नए हाउस टैक्स का बड़ा संकट टाल दिया। 

बृहस्पतिवार को मेयर उमेश गौतम की ओर से बुलाई गई बैठक में भी पार्षदों ने जीआईएस सर्वे के बाद कई गुना बढ़ा दिए गए टैक्स का जमकर विरोध किया। आखिरकार तय हुआ कि नया हाउस टैक्स सिर्फ उन 82, 897 भवनों पर लागू होगा जो जीआईएस सर्वे में पहली बार चिह्नित हुए हैं। बाकी 1,45, 488 पुराने भवनों पर स्वकर प्रणाली के तहत बिल जारी किए जाएंगे। पिछले वर्षों में मिलती रही छूट भी बरकरार रहेगी।

नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स के साथ टैक्स विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में मेयर कक्ष में करीब तीन घंटे चली बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों ने मेयर को यह तक कहकर आगाह किया कि चीफ टैक्स ऑफिसर समेत नगर निगम के बाकी अफसर आज हैं और कल चले जाएंगे, लेकिन शहर के लोगों के गुस्से का शिकार उन्हें होना पड़ेगा। इसलिए हर हाल में इस समस्या का समाधान होना चाहिए।

 इस बीच कई बार पार्षदों की अधिकारियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। सभी की सहमति के बाद मेयर ने निर्णय सुनाया कि पुराने भवनों का टैक्स स्वकर प्रणाली के तहत जमा कराया जाए। बिलों की गड़बड़ियां दूर करने के साथ टैक्स पर मिलने वाली छूट भी बरकरार रखी जाए। बैठक के बाद मेयर की ओर से इसमें लिए गए फैसलों के आधार पर नगर आयुक्त को बिंदुवार पत्र जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि अगर इस पर अधिकारी अपनी रजामंदी देते हैं तो हाउस टैक्स देने वालों राहत मिलेगी।

ये निर्णय लिए गए बैठक में
स्वकर प्रणाली के तहत 2024-25 का हाउस टैक्स जमा होगा। टैक्स देने वालों को स्वकर फार्म के साथ मोबाइल नंबर और आधार कार्ड भी जमा करना होगा।

भवनों के टैक्स में पहले की तरह 10 फीसदी छूट दी जाएगी। जिन भवनों आवासीय या व्यावसायिक की श्रेणी का विवाद है, उनका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। पुरानी आवासीय संपत्तियों पर हाउस टैक्स पहले की तरह रहेगा। अगर किसी व्यावसायिक भवन में कोई भाग आवासीय है तो उस पर आवासीय छूट मिलेगी।

2024-25 के लिए जो बिल जारी हो रहे हैं, उन पर अगर दोबारा टैक्स लगा दिया गया है तो 2022-23 में जमा टैक्स की रसीद दिखाने पर डिमांड निरस्त कर दी जाएगी। बकाया पर चक्रवृद्धि ब्याज की जगह साधारण ब्याज ही लगेगा। करीब 1,45,488 पुराने हाउस टैक्स भरने वाले टैक्सदाताओं पर जीआईएस सर्वे लागू नहीं होगा।

जीआईएस सर्वे के दायरे में आने वाले 82897 टैक्सदाताओं को अगर लगता है कि उनका टैक्स गलत लगा है तो उनकी आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा। नए फैसले के मुताबिक अगर 31 अक्तूबर 2024 तक हाउस टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो जीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स की वसूली की जाएगी।

पहले जीआईएस सर्वे को सही ठहराते रहे अफसर
बैठक में नए फैसलों से पहले जमकर घमासान हुआ। सपा के पार्षद राजेश अग्रवाल के मुताबिक कई और पार्षद, मेयर, नगर आयुक्त और मुख्य निर्धारण अधिकारी का जीआईएस सर्वे को सही ठहराते हुए इस बात पर जोर था कि वार्डों में शिविर लगाकर बिलों की गलतियां सुधारी जाएं। इस पर उन्होंने मुख्य निर्धारण अधिकारी से पूछा कि पुराने टैक्सदाता को अधिनियम नियमावली के आधार पर जीआईएस सर्वे के दायरे में लाया जा सकता है या नहीं। इस पर वह जवाब नहीं दे सकें। इसी के बाद यह तय हुआ कि लोग स्वकर प्रणाली फार्म भरकर टैक्स जमा करेंगे।

मिश्रित भवनों पर भी हाउस टैक्स में मिलेगी छूट
बैठक में यह भी सवाल उठा कि मिश्रित भवन का व्यावसायिक हिस्सा अगर कोई अपने बच्चों को दान कर दे या बेच दे तो टैक्स विभाग क्या करेगा। इस पर तय हुआ कि मिश्रित भवनों पर भी छूट मिलेगी 2023-24 के एरियर खत्म होंगे। लोग 2024-25 के लिए स्वकर निर्धारण फार्म जमा करेगा तो बिना जांच उसका टैक्स जमा कर लिया जाएगा। पहले से मिल रही छूट फिर लागू होगी। बैठक में पार्षद सोनिया कपूर के पति अतुल कपूर ने सीटीओ से कहा, आप तो लोगों पर टैक्स लगा कर चले जाएंगे, बाद में हमें झेलना पड़ेगा।

सर्वे पूरा न होने पर भी लागू कर दिया टैक्स
सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने कहा कि जीआईएस सर्वे पूरे शहर में पूरा नहीं हुआ है। इसके बाद भी हाउस टैक्स लगा दिया गया है। सीटीओ जनहित में काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने दो धर्मस्थलों का बिल की कॉपी दिखाते हुए कहा कि एक का बिल शून्य है, दूसरे पर 6931 रुपये का टैक्स दिखाया गया है। बैठक में उपसभापति सर्वेश रस्तोगी, शालिनी जौहरी, संजीव रस्तोगी, छंगामल मौर्य, मुकेश सिंघल, सलीम पटवारी, अलीम खां, नासिर अहमद आदि मौजूद रहे।

हम एक बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमने आंदोलन समाप्त नहीं, नगर निगम के विश्वास पर स्थगित किया है। बैठक में जो तीन बातें तय हुई हैं, उन पर अमल न हुआ तो फिर आंदोलन करेंगे। - राजेश अग्रवाल, सपा के पार्षद

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