संभल: बच्चा पैदा नहीं हुआ तो देवर-जेठ और ननद ने कर दी महिला की हत्या, ऐसे खुला राज

संभल: बच्चा पैदा नहीं हुआ तो देवर-जेठ और ननद ने कर दी महिला की हत्या, ऐसे खुला राज

संभल, अमृत विचार। गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के भोजराजपुर गांव में महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। विरोधियों ने नहीं बल्कि देवर, जेठ व ननद ने ही घर के कमरे में महिला की हत्या कर खेत में शव डाला था। पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने बताया कि शादी के पांच साल बाद भी बच्चा पैदा नहीं हुआ तो भाई की दूसरी शादी कराने व विरोधियों को फंसाने के लिए हत्या की थी।

भोजराजपुर गांव निवासी जयपाल सिंह की पत्नी माया देवी की 16 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। माया देवी का शव खेत में पड़ा मिला था। परिजनों ने पुलिस को बताया था कि हरेंद्र व उसके परिवार के लोगों ने जमीनी रंजिश के चलते खेत से घर लौटते समय उनके साथ मारपीट के बाद फायरिंग की तो गोली लगने से माया देवी की मौत हो गई। 

पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि घटना स्थल को देखते ही पुलिस को शक पैदा हो गया था। घटना स्थल पर खून भी नहीं था। पुलिस ने घर का कमरा खुलवाकर देखा तो उसमें लगे खून के छींटों से बात साफ हो गई कि हत्या घर में की गई थी। पुलिस ने अन्य साक्षय इकटइा कर परिवार के लोगों ने गहनता से पूछताछ की गई तो माया देवी की हत्या का राज खुल गया।

जेठ छोटेलाल, देवर सुनील और ननद उर्मिला ने ही घर में माया देवी की हत्या कर विरोधियों को फंसाने के लिए खेत में शव डाला था। जेठ छोटेलाल, देवर सुनील व ननद उर्मिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर इनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल तमंचा व  खून से सने  कपड़े किये हैं। हत्या की साजिश में शामिल कुछ अन्य लोगों की भी पुलिस को तलाश है।

भाई की दूसरी शादी और विरोधियों को फंसाने के लिए ली माया की जान
गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के भोजराजपुर गांव में माया देवी नाम की महिला की हत्या कर उसके देवर,जेठ व ननद ने एक तीर से दो निशाने साधने की योजना बनाई थी। शादी के पांच साल बाद भी माया को संतान नहीं हुई तो माया की हत्या कर संतान के लिए भाई की दूसरी शादी कराने और माया की हत्या के आरोप में विरोधियों को जेल भिजवाने की मंशा थी मगर तीनों अपने बुने जाल में खुद फंसकर जेल चले गये।

भोजराजपुर के जयपाल सिंह की शादी पांच साल पहले गांव जमालपुर निवासी माया देवी से के साथ हुई थी। माया का दुर्भाग्य यह रहा कि शादी के पांच वर्ष बाद भी उसे संतान पैदा नहीं हुई।  16 जून को माया देवी को कमरे में बंद कर जेठ छोटेलाल व ननद उर्मिला व देवर सुनील ने गोली मारकर उसकी जान लेने के बाद गांव के  विरोधियों को फंसाने के लिए चुपचाप उसका शव खेत में डालकर विरोधियों को हत्यारा बताते हुए पुलिस को झूठी कहानी सुना दी।

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