प्रयागराज : 106 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी कमलाकांत तिवारी पंचतत्व में विलीन 

राजकीय सम्मान के साथ दी गई सलामी,  देश की आजादी के लिए सलाहकार की भूमिका निभाई थी

प्रयागराज : 106 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी कमलाकांत तिवारी पंचतत्व में विलीन 

नैनी, अमृत विचार : प्रयागराज स्थित मांडा के बरहा कला गांव निवासी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी कमलाकांत तिवारी पंचतत्व में विलीन हो गए। मांडा के नरवर चौकठा गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी गई। वह 106 वर्ष के थे। उनके निधन से परिजनों के अलावा क्षेत्र मे शोक की लहर व्याप्त है। उनके निधन की सूचना पर मेजा एसीपी रवीशंकर गुप्ता, इंस्पेक्टर मांडा शैलेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचें और श्रद्धांजलि दी। 

स्वतंत्रता सेनानी कमलाकांत तिवारी का जन्म तीन मई 1919 मे हुआ था। वह दीघीया गांव के मूल निवासी थे और ढीलिया गाव के स्वतंत्रता सेनानी राजाराम यादव के बेहद करीबी और मित्र थे। वर्ष 1938 मे अंग्रेजो से लड़ाई मे ऊँचडीह रेलवे स्टेशन को आग के हवाले किया। मामले में सहयोगी समेत अन्य सेनानियों के साथ उन्हें जेल जाना पड़ा।

1971 मे उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा ताबे की सील्ड व पूर्व मुख्यमंत्री हेमवंती नंदन बहुगुणा द्वारा बैच लगाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद सन 1972 मे इलाहबाद विश्वविद्यालय मे आयोजित एक कार्यक्रम मे सेनानी को गायक के रूप मे मंच पर सम्मान दिया गया। उनके अनुरोध पर ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमवंती नंदन बहुगुणा ने आंधी वाया कुर्की कला राजमार्ग का निर्माण कराया था। उनके दो पुत्र राजेंद्र प्रसाद तिवारी व राजधर तिवारी शिक्षक थे।

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