अमृत विचार कार्यालय पहुंचे वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, कहा-पौधरोपण महाभियान को बनाएं महापर्व

अमृत विचार कार्यालय पहुंचे वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, कहा-पौधरोपण महाभियान को बनाएं महापर्व

लखनऊ, अमृत विचार। उप्र.के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि पेड़- पौधे हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। पेड़-पौधे तो मनुष्य के बिना रह सकते हैं,लेकिन इनके बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। जिस प्रकार हम अपने बच्चों की परवरिश करते हैं, उसी तरह हमें पेड़-पौधों की परवरिश करनी चाहिए। जनजीवन बचाने के लिए पौधरोपण करना अपरिहार्य है।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए आने वाले समय में हमें अपनी परंपराओं और आस्था से जुड़े पौधों को लगाने की आवश्यकता है। इस कड़ी में पीपल, बरगद, नीम, बेल, पाकड़ लगाया जाना महत्वपूर्ण कदम होगा। साथ ही फलदार पौधे भी लगाने होंगे जैसे देशी आम, जामुन, अमरूद आदि। जुलाई माह में हम व्यापक स्तर पर पौधरोपण करेंगे। इसके लिए जनता से भी अपील कर रहे हैं।     

गुरुवार को दैनिक अमृत विचार के लखनऊ कार्यालय पहुंचे मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने एक विशेष बातचीत में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की दिशा में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग प्रजाति के पौधे पूरे प्रदेश भर में लगाए जाएंगे। इसके तहत व्यापक अभियान चलाकर ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, पार्कों, सड़क के किनारे, खाली स्थान पर पौधरोपण किया जाएगा।  वन मंत्री ने महाभियान में 30-35 करोड़ पौधरोपण करने की जानकारी साझा करते हुए 20 जुलाई को रिकॉर्ड पौधरोपण करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण महाभियान को एक महापर्व की तरह मनाना है जिसमें हर व्यवसाय और प्रोफेशन से जुड़े लोगों को हिस्सा लेना चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इन पौधों की देखभाल ओर सुरक्षा अच्छे से होती रहे।

एक पेड़ मां के नाम लगाए जाने वाले अभियान में आगे आएं

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई दूजा नहीं होता है। उसके ममत्व की महत्ता अपरंपार।  5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस पर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अभियान को तत्पर हैं। इस क्रम में हम प्रदेश में अधिकाधिक पौधे लगाने को कृतसंकल्प हैं। अपनी मां के नाम पर पौधे लगाने को लोग आगे आएं। इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेगा।
 
उष्मा प्रभाव व वायु प्रदूषण से मिलेगी निजात

मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण की वजह से प्रदेश में वन क्षेत्र की सीमाएं कम होती रही हैं। प्रदेश के बड़े शहरों में उष्मा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इन शहरों के अधिकांश भाग कंक्रीट में परिवर्तित दिखने लगे हैं। इस वर्ष मई-जून के माह में इसका दुष्प्रभाव भी देखने को मिला। जुलाई माह में ग्रामीण क्षेत्रों में पौधरोपण के अलावा हम शहरों में भी व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करेंगे। स्वस्थ जनजीवन के लिए हमें पौधे लगाने ही होंगे। इससे उष्मा प्रभाव व जानलेवा गर्मी  से निजात मिलेगा। यदि पेड़ होंगे तो हवा में मिली हानिकारक गैसों को शोषित कर हमें स्वच्छ हवा प्रदान करेंगे और रोगों से छुटकारा भी दिलाएंगे। यदि हम पेड़ों की संख्या में वृद्धि करेंगे तो ये प्राकृतिक रुप से हवा को स्वच्छ करने के साथ हमें और भी कई फायदे पहुंचाएंगे। पेड़ के कारण ही हमें भरपूर वर्षा प्राप्त होती है। पेड़ की जड़े मिट्टी को बांध कर रखती हैं जिनसे भूमि कटाव नहीं होता।

डॉ. सक्सेना ने देखा अमृत विचार कार्यालय

आपसी वार्ता के बाद मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने अमृत विचार कार्यालय को भी देखने की इच्छा प्रकट की। उन्होंने अखबार के विभिन्न विभागों को जाकर देखा और खासकर संपादकीय विभाग की कार्यप्रणाली भी समझी। संपादकीय टीम के साथ उन्होंने हल्के-फुलके अंदाज में अपने तमाम अनुभव भी साझा किए और समाचार-पत्र की प्रगति के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उनके साथ अमृत विचार के समूह संपादक शंभू दयाल वाजपेयी, संपादकीय प्रभारी अनिल त्रिगुणायत, राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय दयाल, सिटी इंचार्ज सुनील मिश्र और डिजिटल इंचार्ज वीरेन्द्र पांडेय आदि मौजूद रहे।

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