बलरामपुर: स्वायत्तशासी हुआ केजीएमयू सेटेलाईट सेंटर,अगले माह से शुरु हो जाएगा संचालन

मेडिकल कालेज संचालन को लेकर निदेशक मेडिकल कालेज की अध्यक्षता में समिति गठित

बलरामपुर: स्वायत्तशासी हुआ केजीएमयू सेटेलाईट सेंटर,अगले माह से शुरु हो जाएगा संचालन

समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर एक महीने के अन्दर मेडिकल संचालन को लेकर तय की जाएगी रूपरेखा

बलरामपुर/अमृत विचार। जनपदवासियों का मेडिकल कालेज एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का सपना अब साकार होने जा रहा है। जनपद में निर्मित केजीएमयू का सैटेलाइट सेन्टर अब स्वायत्शासी मेडिकल कालेज हो गया है। इसको लेकर शासन से पत्र जारी हो गया है।  बताते चलें कि जिलाधिकारी  अरविन्द सिंह ने इसको लेकर बीते फरवरी-मार्च में व्यक्तिगत रूप से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से वार्ता कर सैटेलाइट सेन्टर को स्वतंत्र गवर्नमेन्ट मेडिकल कालेज बनाने के लिए प्रयास शुरू किये थे। 

जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में शासन में सर्वोच्च स्तर पर तथ्यात्मक रूप से मार्च महीने में प्रस्तुत किया कि केजीएमयू से मेडिकल कालेज का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। जिस पर तत्समय सरकार ने मेडिकल काजेल को गवर्नमेन्ट मेडिकल कालेज का दर्जा दे दिया। गवर्नमेन्ट मेडिकल कालेज का दर्जा मिलने के बाद मेडिकल कालेज में प्रोफेसर्स, मेडिकल स्टाफ एवं डाक्टर्स की नियुक्ति उ.प्र. लोक सेवा आयोग से करानी पड़ती जिसमें काफी समय लगता जिस कारण मेडिकल कालेज का संचालन शुरू होने में काफी समय लग जाता। 

इस समस्या के निराकरण के लिए जिलाधिकारी  द्वारा फिर से शासन स्तर पर प्रयास शुरू किये गये कि गवर्नमेन्ट मेडिकल कालेज को स्वायत्तशासी मेडिकल कालेज का दर्जा दे दिया जाये जिससे मेडिकल कालेज स्वयं प्रोफेसर्स, मेडिकल स्टाफ एवं डाक्टर्स की नियुक्ति कर सके और मेडिकल कालेज शीघ्र संचालित हो सके। जिलाधिकारी का यह प्रयास रंग लाया और इस पर शासन से अप्रैल माह में सैद्धान्तिक सहमति मिल गई। 

लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा पुनः मेडिकल कालेज के कार्य को अन्तिम रूप देने को लेकर वीणा उठाया गया और निदेशक मेडिकल कालेज उ.प्र. की अध्यक्षता में प्राचार्य मेडिकल कालेज बहराइच और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बलरामपुर की संयुक्त समिति का गठन किया गया है। समिति शासन तथा जिलाधिकारी को बताएगी कि मेडिकल कालेज का संचालन कैसे होगा। इसको लेकर बुधवार को डीएम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई। टीम मेडिकल कालेज के संचालन को लेकर स्थलीय निरीक्षण भी करेगी और अगले एक माह में मेडिकल कालेज का  संचालन शुरू कराने की रूपरेखा तय करेगी।

यह भी गौरतलब है कि मेडिकल कालेज के प्रशासनिक भवन, प्रोफेसर्स, चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ के ठहरने के लिए उतरौला रोड पर हाईवे के निकट 10.35 हेक्टेयर जमीन पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। जिलाधिकारी ने स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर अपर जिलाधिकारी को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। मां पाटेश्वरी विश्व विद्यालय के बाद जल्द ही मेडिकल कालेज अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा। 

गौरतलब है कि मां पाटेश्वरी विश्व विद्यालय के बाद मेडिकल कालेज का सपना पूरा होना जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है और यह उपलब्धि जनपद के लिए मील का पत्थर साबित होगी जिससे जनपदवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होंगी और वृहद स्तर पर रोजगार के अवसर सुजित होंगे।

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