Bareilly News: ...और इस तरह 20 दिन में जमानत पर छूटा बच्ची से छेड़खानी का आरोपी, जानिए मामला

Bareilly News: ...और इस तरह 20 दिन में जमानत पर छूटा बच्ची से छेड़खानी का आरोपी, जानिए मामला

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शब्या सिंह तोमर, बरेली। आठ साल की बच्ची से छेड़खानी के आरोप में आर्य समाज अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य को 20 दिन के अंदर जमानत मिल जाने की कहानी पुलिस के अदालत में पलट जाने और कई तथ्यों को छिपा लेने की भी कहानी है। ओमकार की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने अनाथालय के कई और बच्चों के बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बच्ची से छेड़खानी होने की पुष्टि की थी, लेकिन अदालत में दूसरे बच्चों के बयानों का जिक्र नहीं किया।

इसके उलट स्वतंत्र साक्षी न होने की बात कहते हुए मामले को संदिग्ध बता दिया। पुलिस के रुख में आए इसी बदलाव से ओमकार को गंभीर आरोप होने के बावजूद न सिर्फ काफी जल्दी जमानत मिली बल्कि इसी के बाद उसने अनाथालय को बंद करने की मुहिम और तेज कर दी।

अनाथालय में आठ साल की बच्ची से छेड़खानी की घटना के बाद दो महीने तक काफी कुछ हुआ। अगस्त में हुई इस घटना की रिपोर्ट 14 अक्टूबर को दर्ज हो पाई। रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी ओमकार आर्य को गिरफ्तार करने से पहले तत्कालीन सीओ श्वेता यादव ने खुद अनाथालय जाकर गहन छानबीन की थी।

सीओ ने मीडिया को जारी बयान में बताया था कि अनाथालय के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और पीड़ित बच्ची के साथ कई और बच्चों के बयान से पुष्टि हुई है कि ओमकार आर्य ने छेड़खानी की थी। इसी के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। मामला कोर्ट पहुंचा तो पुलिस का कुछ अलग ही रुख दिखाई दिया। अपेक्षाकृत काफी कम समय में रिपोर्ट दाखिल की गई। इसमें कई ऐसे तथ्य गायब या बदले हुए थे जो सीओ श्वेता यादव ने जांच के दौरान पाए जाने का दावा किया था।

ये था केस
एफआईआर नंबर - 396/2023, थाना कोतवाली
धाराएं - आईपीसी की धारा 354 (अवांछित शारीरिक संपर्क यानी छेड़खानी), धारा 9/10 पॉक्सो एक्ट (लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम।

अदालत - विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पीड़िता का बयान... मुझे वाशरूम की जगह नोचा
आठ साल की पीड़ित बच्ची ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए बयान में बताया कि वह छोटे गुरुकुल के बच्चों के साथ खेल रही थी। वह स्कर्ट टॉप पहने हुई थी। इसी दौरान प्रधान ओमकार आर्य ने उसे बुलाकर पूछा कि उसकी ड्रेस कहां है। उसने बताया कि उसकी ड्रेस गंदी पड़ी हुई है। इस पर प्रधान ने उसे कई बार नोचा। उसे वाशरूम वाली जगह पर भी नोचा।

वार्डन ने दर्ज कराई थी एफआईआर
अनाथालय की तत्कालीन वार्डन रोली दुबे ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कक्षा दो में पढ़ने वाली आठ साल की बच्ची से प्रधान ओमकार आर्य ने अश्लीलता और छेड़खानी की। उसने यह बात अनाथालय में ही रहने वाली अपनी बहन और उसकी बहन ने उन्हें बताई थी।

ओमकार आर्य ने आरोपों को बताया साजिश, बोला- मेरा कोई आपराधिक इतिहास नहीं
आरोपी ओमकार की ओर से अदालत में इन आरोपों को साजिश बताते हुए कहा गया था कि उन्होंने चुनाव में पूर्व प्रधान हर्षवर्धन आर्य को भारी मतों से हराया था जिसकी वजह से वह उससे रंजिश रखते हैं। अपने कार्यकाल में हर्षवर्धन ने अनाथालय की संपत्तियों को भी छिन्न-भिन्न करने के हथकंडे अपनाए थे। जिस समय छेड़खानी की घटना बताई जा रही है, उस समय सीसीटीवी कैमरा चलने के साथ कमरे में प्रबंधक भी मौजूद थे। ओमकार की ओर से सबसे ज्यादा जोर इस बात पर दिया गया था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

अभियोजन पक्ष
विशेष लोक अभियोजक की ओर से जमानत अर्जी का प्रबल विरोध करते हुए कहा गया कि आठ साल की बच्ची से छेड़खानी का अभियुक्त का अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है। जमानत अर्जी निरस्त की जानी चाहिए।

पुलिस ने मिलाए बचाव पक्ष के सुर में सुर
अदालत में पुलिस की ओर से दाखिल रिपोर्ट में भी हवाला दिया गया कि ओमकार आर्य का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। हर्षवर्धन समेत कई लोगों से उसके विवाद भी होने की पुष्टि की। कहा गया कि घटना को किसी स्वतंत्र गवाह ने होते हुए नहीं देखा है, इसलिए घटना संदिग्ध है। विवेचना जारी है। अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाना न्यायसंगत होगा।

50-50 हजार के मुचलकों पर मिली जमानत
पुलिस की रिपोर्ट, सीडी और केस डायरी के निरीक्षण के बाद अदालत ने अभियुक्त ओमकार आर्य को 50-50 हजार के दो मुचलकों पर सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।

डीएम ने एडीएम सिटी को दिया जांच करने का आदेश
आर्य समाज अनाथालय में रह रही संवासनियों को जबरन बाहर निकालकर उसे उसकी नियमावली के विरुद्ध बंद किए जाने जाने के मामले में डीएम रविंद्र कुमार ने एडीएम सिटी को जांच का आदेश दिया है। डीएम ने बताया कि एडीएम सिटी जल्द ही जांच कर रिपोर्ट देंगे। उनकी जांच में जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे, उनके आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

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