पीलीभीत: पहली बारिश में 44 लाख से बन रहे नाले की ढही दीवार, ये भ्रष्टाचार की मार नहीं तो और क्या?

पीलीभीत: पहली बारिश में 44 लाख से बन रहे नाले की ढही दीवार, ये भ्रष्टाचार की मार नहीं तो और क्या?

पीलीभीत, अमृत विचार:  शहर को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए नौ करोड़ रुपये की लागत से जा रहे नाला निर्माण कार्य की हकीकत मानसून की पहली बारिश में ही उजागर हो गई।  निर्माणाधीन नाले की दीवार भरभरा कर ढह गई। पहले तो नगर पालिका के जिम्मेदार मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करते रहे।  मगर कुछ ही देर में वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो फजीहत हो गई। इसके पीछे मानकों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का शोर मचा रहा। फिलहाल मामले में जेई से जवाब तलब किया जा रहा है। 

शहर की एक बड़ी समस्या बारिश के दौरान सड़कों पर होने वाला जलभराव है। नगर निकाय चुनाव 2022 में मतदताओं के बीच मुद्दा भी बना रहा।  जिसका असर चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला था। इसके बाद से ही नगर पालिका की ओर से जलभराव की समस्या को दूर कराने के लिए तमाम दावे किए जाते रहे।   

मंथन के बाद नौ करोड़ की लागत से स्थायी इंतजाम करने को 22 नये नालों का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। शुरुआत से ही नाला निर्माण कार्य की सुस्त चाल और मानकों की अनदेखी के आरोप लग रहे थे।  अयोध्यापुरम कॉलोनी के लोगों ने तो लिखित शिकायत भी निर्माणाधीन नाले को लेकर एडीएम वित्त एवं राजस्व से की थी, लेकिन शिकायत पत्र के साथ शपथ न मिलने का हवाला देते हुए जांच तक नहीं कराई गई थी।  

टनकपुर हाईवे पर उपाधि महाविद्यालय के पास भी नये निर्माण का कराया जा रहा है। इसकी लागत 44 लाख रुपये है।  बुधवार सुबह हुई मानसून की पहली बारिश ने ही नाला निर्माण कार्य की पोल खोलकर रख दी।  ठेकेदार की ओर से कराया गया निर्माण एक ही बारिश में ढह गया।  राहगीरों की नजर पड़ी तो मौके पर लोग जमा होने लगे।  इसकी जानकारी नगर पालिका के जिम्मेदारों तक पहुंची तो खलबली मच गई। 

ठेकेदार व नगर पालिका के तमाम जिम्मेदार मौके पर पहुंचकर हालात  परखने में जुटे रहे। मगर इस पर सख्ती करने से अधिक जोर फजीहत से बचने के लिए मामले को दबाने पर रहा।  शुरुआत में नाला ढहने की बात से अनभिज्ञता  जताई जाती रही।  इसके बाद सोशल मीडिया पर निर्माणाधीन नाले की दीवार ढहने से जुड़े वीडियो-फोटो भी तेजी से वायरल हुए तो इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा जाने लगा। हर कोई मानकों की अनदेखी, कमीशनबाजी व भ्रष्ठाचार से जोड़कर सवाल उठाता रहा। मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अन्य नालों की जांच कराने की भी मांग उठती रही।  

राज्यमंत्री के प्रतिनिधि ने बुलाया, नहीं पहुंचे जेई
बारिश के बाद हर तरफ जलभराव और नाला ढहने का शोर मचा हुआ था।  इसकी शिकायत राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के कार्यालय तक भी पहुंची। जिसके बाद राज्यमंत्री के नगर पालिका पीलीभीत के प्रतिनिधि भाजपा नेता राकेश सिंह भी मौके पर पहुंचे। एक ही बारिश में ढह गए नाले की गुणवत्ता का आकलन किया।  

इसके अलावा नाला सफाई कार्य पर भी सवाल उठाए।  उनका कहना था कि नगर पालिका के संसाधनों का प्रयोग हो रहा है। उसके बावजूद नाला  सफाई के नाम पर सिर्फ ऊपर जमा पन्नियां व कूड़ा करकट निकाला जा रहा है।  तलीझाड़ सफाई तक नहीं की जा रही है। ये भी आरोप लगाया कि मौके पर पहुंचकर पालिका के जेई को कॉल कर मौके पर बुलाया गया लेकिन वह नहीं आए। उनका कहना था कि ठेकेदार और अन्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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