Kanpur: सातवें दिन भी गंगा में सीसामऊ नाले से गिरता रहा सीवेज, अधिकारी बोले- जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं...

Kanpur: सातवें दिन भी गंगा में सीसामऊ नाले से गिरता रहा सीवेज, अधिकारी बोले- जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं...

कानपुर, अमृत विचार। गंगा नदी में सातवें दिन भी सीसामऊ नाले से सीवेज गिरता रहा। कार्यदायी संस्था मेसर्स कानपुर रिवर मैनेजमेंट एफआईआर होने के बाद भी बाज नहीं आ रही है। कंपनी ने खराब दो पंपों को सही करने के लिये 28 मई तक का समय मांगा था। लेकिन अपने वादे पर कंपनी के अधिकारी खरे नहीं उतर सके हैं। इसी वजह से बुधवार को भी गंगा में बिना रुके नाले का सीवेज गिरता रहा। वहीं, जलनिगम ग्रामीण के अधिकारियों ने कहा कि वह जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।

गंगा में गिर रहे सीसामऊ नाले के सीवेज को लेकर परियोजना अभियंता गंगा प्रदूषण नियंत्रण ईकाई नवाबगंज ने कार्यदायी संस्था मेसर्स कानपुर रिवर मैनेजमेंट के निदेशक समेत तीन लोगों के खिलाफ झरने व जलाशय को गंदा करने, धोखाधड़ी, जल प्रदूषण का निवारण और नियंत्रण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इसी मामले में आर्थिक दंड भी लगाया गया है। 

लेकिन, कंपनी की कार्य प्रणाली में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। एनजीटी और सरकार के नियमों को ताक पर रखकर कंपनी सीवेज को गंगा नदी में गिरा रही है। इससे गंगा का पानी प्रदूषित हो रहा है। गंगा के आस-पास के स्थानीय लोग दूषित पानी की पीने को मजबूर हैं। पंपिग स्टेशन में जल शोधन का काम 25 अगस्त 2021 से कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास है। भैरो घाट स्थित सीवेज पंपिंग स्टेशन से सीसामऊ नाला सीधे गंगा में गिर रहा है। जलनिगम अधिकारियों की तहरीर पर कंपनी के निदेशक प्रकाश शुक्ला, प्रभारी अनिर्बन मुखर्जी व प्लांट इंचार्ज कुलदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। 

छह में दो पंप खराब, एक रिजर्व में

भैरो घाट स्थित सीवेज पंपिंग स्टेशन पर छह पंपों में दो खराब हैं। जिन्हें सही नहीं कराया गया है। कार्यदायी संस्था केआरएमपीएल को सौ फीसदी सीवेज का पंप करके एसटीपी में भेजना था लेकिन कंपनी की ओर से लगातार लापरवाही बरती जा रही है। जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के सहायक परियोजना अभियंता विपिन कुमार पाल और अधिशाषी अभियंता खंड कार्यालय अंकित सिंह और परियोजना अभियंता वैभव श्रीवास्तव ने कंपनी पर कार्रवाई के लिये तहरीर दी है। लेकिन, इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है।

मैं एक बैठक में हूं। मैं अभी जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं। - ज्ञानेंद्र चौधरी प्रोजेक्ट मैनेजर, जलनिगम (ग्रामीण)

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