हरदोई: मुख्यमंत्री का आदेश तार-तार, ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल का नहीं हो सका आंकलन

हरदोई: मुख्यमंत्री का आदेश तार-तार, ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल का नहीं हो सका आंकलन

शाहाबाद/हरदोई अमृत विचार। हरदोई जिले के शाहाबाद तहसील क्षेत्र में गत दिनों हुई बरसात व ओलावृष्टि से किसानों की फसलें गिर जाने से भारी नुक़सान हुआ था। किसानों पर पड़ी प्रकृति की मार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घन्टे मे किसानों की फसलों के नुक़सान का आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश प्रशासन को दिये ताकि किसानों को तत्काल मदद दी जा सके। 

शासकीय निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी मंगलाप्रसाद ने भी सभी तहसीलों के तहसीलदार व लेखपालों को चौबीस घन्टे में किसानों के नुक़सान का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी कर दिया। लेकिन तहसीलदार व लेखपालों पर इन निर्देशों का शायद असर ही नहीं हुआ। लगभग निर्देशों को 72 घन्टे से अधिक हो चुके हैं लेकिन एक भी लेखपाल किसानों के खेत में नुक़सान का आकलन करने नहीं पहुंचा है। 

मीडिया की टीम निर्देशों के अनुपालन की सत्यता जांचने के लिये गांव में पहुंची। तो असलियत जान कर सन्न रह गई। तहसील शाहाबाद क्षेत्र के गांव परेली, गुजीदेई सूरापुर,किलकिली , आगमपुर,झोथूपूर, नरहाई, जोगीपुर नौसारा, गहोरा, सहोरा  के किसानों ने बताया कि मेरे यहां फसल देखने के लिए कोई नहीं आया है। 

ठीक इसी तरह से अन्य तहसीलों का भी हाल है। किसान बेचारे  खेत से लेकर तहसील के चक्कर काट रहा है। लेकिन नुक़सान आकलन के निर्देश के बाबजूद भी तहसील से सर्वे क्यों नहीं शुरू किया? यह अपने आप में यक्ष प्रश्न बना हुआ है। अगर सर्वे हो रहा है तो इसकी जानकारी किसानों को क्यों नहीं?

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