Bareilly News: बिजनौर में कई हवेलियां और किले बनेंगे हेरिटेज होटल, राजाओं के वंशजों ने पर्यटन विभाग में किया आवेदन
अनुपम सिंह, बरेली। राजाओं की हवेलियां, किले और आजादी से पहले बनीं प्राचीन इमारतों को हेरिटेज होटल बनाने के लिए सरकार की पर्यटन नीति-2022 राजघरानों के वंशजों को रास आ रही है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में राजाओं के वंशज इसके लिए आवेदन कर रहे हैं । मुरादाबाद मंडल के बिजनौर जिले में महल, किला और हवेली को हेरिटेज होटल बनाने के लिए चार आवेदन पर्यटन विभाग में किए हैं। बरेली मंडल में पीलीभीत से राजा लालता प्रसाद, हरिप्रसाद के वंशज राहुल प्रसाद अपनी पुस्तैनी हवेली काे हेरिटेज होटल बनाने के लिए पहले ही आवेदन कर चुके हैं।
बरेली मंडल के साथ ही मुरादाबाद मंडल का भी पर्यटन विभाग का क्षेत्रीय ऑफिस बरेली में है। कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बिजनौर जिले की चार प्राचीन इमारतों को हेरिटेज हाेटल बनाने के लिए आवेदन किए गए हैं। इन इमारतों का ऐतिहासिक के साथ ही पुरातात्विक महत्व भी है। ये इमारतें अपनी बनावट से लोगों को मुग्ध करती रही हैं।
धामपुर तहसील में शेरकोट महल को हेरिटेज होटल बनाने के लिए आवेदन करने वाले मानवेंद्र सिंह बताते हैं कि उनके परदादा रणजीत सिंह ने 1595 स्क्वायर मीटर में 1902 में महल का निर्माण कराया था। मुरादाबाद-हरिद्वार मार्ग पर स्थित इस शेरकोट महल को उन्होंने हेरिटेज होटल में तब्दील करने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है।
उन्होंने दावा किया कि इस पर उनका ही स्वामित्व है। उनका कहना है कि अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से शेरकोट हाउस करीब 40 किलोमीटर दूर है। ऐसे में हेरिटेज होटल बनने के बाद महल पर्यटकों से गुलजार होगा। करोड़ों रुपये खर्च करके जीर्णाेंद्धार का कार्य चल रहा है।
बिजनौर के चांदपुर तहसील क्षेत्र में स्थित सियाऊ महल को हेरिटेज होटल में बदलने के लिए पर्यटन विभाग में आवेदन करने वाले अनंत सिंह के मुताबिक, उनके पूर्वजों ने 1542 में महल का निर्माण कराया था। करीब 480 साल पुराने महल की भव्यता लोगों को मुग्ध करती है। अनंत सिंह ने बताया कि महल में 106 कमरे हैं, लेकिन होटल के लिए 30 कमरे बनवा रहे हैं।
महल में पहले से ही विदेशी पर्यटक आते रहे हैं। मरम्मत होने के बाद इसकी रौनक और बढ़ेगी। स्वीमिंग पुल से लेकर तमाम सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, ताकि आने वाले पर्यटक इसका लुत्फ ले सकें। महल की डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा ताकि यहां आने वालों को राजाओं की भव्यता और परंपरा का एहसास हमेशा होता रहे।
बिजनौर में ही नजीबाबाद तहसील में शाहनपुर किला को भी हेरिटेज होटल बनाने के लिए आवेदन किया गया है। पूर्व सांसद राजा भारतेंदु सिंह के अनुसार माल्यन नदी के निकट करीब 1600 ईसवी में पूर्वजों ने किले का निर्माण कराया था। बताया कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे इसलिए पूरा समय किले को हेरिटेज होटल बनाने में दे रहे हैं।
बिजनौर के तत्कालीन डीएम रहे उमेश मिश्रा ने जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए। उनके प्रयासों से किले को हेरिटेज होटल बनाने के लिए आवेदन किया है। इनके अलावा ए एंड एस विल्ड टेक हवेली के अनंत सिंह मोक्ष की ओर से भी हेरिटेज होटल के लिए आवेदन किया है।
...ताकि जिंदा रहे पूर्वजों की यादें
बिजनौर की धरती देवभूमि और तपोभूमि के लिए भी जानी जाती है। आवेदन करने वाले राजघरानों के वंशजों के मुताबिक पूर्वजों की यादों को बनाए रखने के लिए उन्होंने किला, हवेली को हेरिटेज होटल बनाने का निर्णय लिया है। पर्यटकों की चहलकदमी से हवेली, किले की ख्याति भी दूर तलक होगी। इससे पूर्वजों का नाम भी लोगों की जुबान पर रहेगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। आवेदन करने वाले लोगों ने कहा कि,उन्हें सब्सिडी का कोई लालच नहीं है। बस, अनुमति मिल जाए, ताकि योजना को आगे बढ़ा सकें।
अनुमाेदन पर विचार
सूचना पर्यटन अधिकारी मनीष सिंह बताते हैं कि पीलीभीत के बाद बिजनौर से चार आवेदन आए हैं। हालांकि, इसमें श्रेणी को इंगित नहीं किया गया है। फाइल के अनुमाेदन को लेकर विचार चल रहा है।
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