अनाथालय की खिड़की काटकर भागी नौ लड़कियां, दो सदस्यीय जांच कमेटी दो दिन में करेगी जांच

अनाथालय की 40 किशोरियों और 2 नवजात को भेजा राजकीय बाल गृह

अनाथालय की खिड़की काटकर  भागी नौ लड़कियां, दो सदस्यीय जांच कमेटी दो दिन में करेगी जांच

लखनऊ, अमृत विचार: अलीगंज के श्रीराम औद्योगिक अनाथालय से किशोरियों के भागने के मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी को दो दिन में रिपोर्ट देनी है। अनाथालय की 40 बालिकाओं और 2 नवजात शिशु को पुलिस अभिरक्षा में पारा स्थित राजकीय बाल गृह (बालिका) भेजा दिया गया है।

श्रीराम औद्योगिक अनाथालय श्रीराम औद्योगिक ट्रस्ट की ओर से संचालित है। इसी अनाथालय से गुरुवार देर रात 9 किशोरियां भाग गईं थीं। सूचना मिलने पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर, उप निदेशक और जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने अनाथालय का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने आनन-फानन ट्रस्ट के प्रबंधन समिति की आपातकालीन बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि यहां किशोरियों का संरक्षण ठीक नहीं है। एनजीओ को वृद्धाश्रम चलाना चाहिए। किशोरियों को सरकारी संरक्षण गृह में ही रखा जाना चाहिए। उन्होंने सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) से आदेश लेकर किशोरियों को पुलिस अभिरक्षा में राजकीय बाल गृह (बालिका) पारा भेजने के आदेश जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए। किशोरियों के भागने की घटना की जांच एसीएम पंचम और जिला प्रोबेशन अधिकारी करेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट दो दिन में देनी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

राजकीय बाल गृह (बालिका) में भेजने के विरोध में धरने पर बैठीं किशोरियां
राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) पारा भेजने के आदेश के विरोध में किशोरियां धरने पर बैठ गईं। वह जाने को तैयार नहीं थीं। दोपहर बाद इन्हें शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हुई। अधिकारी मौके पर पहुंचे मगर धरना प्रदर्शन चलता रहा। अधिकारियों ने समझाया लेकिन किशोरियां जाने को तैयार नहीं हुईं। देर शाम तक अधिकारी किसी तरह समझाकर किशोरियों को राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) पारा ले गए।

रात में कटी गई ग्रिल, सुरक्षा कर्मियों को नहीं लगी भनक
अनाथालय से किशोरियों के भागने से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। बड़ा सवाल यह है कि अनाथालय के अंदर ग्रिल काटने के लिए ब्लेड या कोई अन्य औजार कैसे पहुंचा। रात के सन्नाटे में जब ग्रिल काटी जा रही थी, तो किसी भी सुरक्षा कर्मी को भनक कैसे नहीं लगी। सवाल उठ रहा है कि सुरक्षा कर्मी क्या वहां मौजूद नहीं थे। ग्रिल या सरिया काटकर किशोरियां भवन से बाहर निकलीं और दीवार फांदकर भाग गईं। सवाल यह भी उठ रहा कि इतनी ऊंची दीवार आखिर किशोरियां कैसे कूद गईं। क्या एक-दूसरे के कंधे पर चढ़कर गईं। 9 सीसीटीवी होने के बाद भी किशोरियों के फुटेज स्पष्ट क्यों नहीं आए। ऐसे रास्ते से तो नहीं भागीं जहां सीसीटीवी न हों। जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्राथमिक जांच में कुछ खामियां मिलीं। जानकारी के अनुसार अनाथालय की सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं थी। इसी वजह से किशोरियां भागने में कामयाब हुईं। किशोरियों ने शीशा, जाली तोड़ी, उससे साफ है कि यहां कोई देखने वाला नहीं था। शुरुआती जांच में सुरक्षा के साथ अन्य तमाम कमियां मिली हैं।

रिपोर्ट के बाद होगी निरस्तीकरण की कार्रवाई
महिला कल्याण की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि एनजीओ को कोई अनुदान नहीं दिया जा रहा है। ट्रस्ट के माध्यम से इसका संचालन किया जा रहा था। जिलाधिकारी के स्तर से जांच कराई जा रही है। अनाथालय को बंद करने का प्रस्ताव आता है तो उसको बंद करने की कार्रवाई निदेशालय स्तर से की जाएगी।

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