बरेली : एल्डिको प्रबंधन का झील पर कब्जा करने से इन्कार

एनजीटी में हुई पहली सुनवाई में कहा- जमीन के भूउपयोग परिवर्तन के लिए प्रशासन से किया है आवेदन

बरेली : एल्डिको प्रबंधन का झील पर कब्जा करने से इन्कार

बरेली, अमृत विचार। सरकारी झील को मलबे से पाटकर एल्डिको सिटी कॉलोनी बसा देने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) में सुनवाई शुरू हो गई है। पहली सुनवाई में एल्डिको सिटी प्रबंधन ने झील पाटने से साफ इन्कार कर दिया। दावा किया गया कि प्रशासन जिसे झील का रकबा बता रहा है, उनकी ओर से उस जमीन के भूउपयोग परिवर्तन के लिए आवेदन किया था। एनजीटी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रबंधन को अगली सुनवाई पर कॉलोनी का नक्शा और भू-उपयोग के आवेदन की प्रति लेकर हाजिर होने का आदेश दिया है।

एनजीटी में बृहस्पतिवार को एल्डिको सिटी कॉलोनी के उप प्रबंधक संदीप चावला के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर और प्रशासन की जांच रिपोर्ट में उल्लिखित आरोपों पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मौजूद एक वकील ने बताया कि एल्डिको ने ट्रिब्युनल में हुई पहली ही सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए दो वकील उतारे जिन्होंने अदालत में कहा कि जिसे झील बताया जा रहा है, उसके भू-उपयोग के लिए जिला प्रशासन में आवेदन किया गया है। एनजीटी ने एसडीएम और तहसीलदार की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए झील के कॉलोनी की चारदीवारी के अंदर होने के सबूतों, उप प्रबंधक संदीप चावला पर दर्ज एफआईआर और लेखपाल के निलंबन जैसे बिंदुओं पर सवाल किए तो एल्डिको के मैनेजर और उनके वकीलों ने सीधा जवाब नहीं दिया। बताया जा रहा है कि एनजीटी ने एल्डिको सिटी प्रबंधन को अगली तारीख पर कॉलोनी का नक्शा और भू-उपयोग के आवेदन की कॉपी लाने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता सियाराम मंडल की ओर से राजपाल सिंह, सिमरन गिल और परवेज आलम समेत तीन वकीलों ने पक्ष रखा।

टीबरीनाथ मंदिर के पास रहने वाले सियाराम मंडल ने 5 जून को एनजीटी के अध्यक्ष से शिकायत की थी कि तहसील सदर के गांव बिलवा में गाटा नंबर 508 झील में दर्ज है, जिस पर शासन से भूमाफिया घोषित गैंग डी 160 कब्जा कर एल्डिको सिटी कॉलोनी विकसित कर रहा है। शासन-प्रशासन से कई बार शिकायत के बाद भी इस कब्जे को नहीं रोका गया है। शिकायत पर तहसील प्रशासन ने जांच की तो पाया गया कि गाटा नंबर 508 झील में ही दर्ज है, उस पर चारदीवारी बनाकर झील का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। इस मामले में आईजीआरएस पर की गई शिकायत पर भी तहसीलदार सदर से जांच कराई गई थी। 30 नवंबर 2023 को हुई इस जांच में झील एल्डिको सिटी की चारदीवारी के अंदर पाई गई थी। एनजीटी ने शिकायत पर वाद दर्ज कर जिलाधिकारी को संयुक्त कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे।

प्रशासन, बीडीए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी उतारे वकील
एनजीटी ने इस मामले में वाद दर्ज कर जिला प्रशासन, बीडीए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस भेजा था। इसलिए केस की सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन, बीडीए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भी अपे वकीलों को खड़ा किया गया। प्रशासन के वकील ने झील दबे होने के संबंध में कराई गई जांच रिपोर्ट का ब्योरा एनजीटी के समक्ष पेश किया। बता दें कि प्रशासन की ओर से ही थाना भोजीपुरा में 20 सितंबर को एल्डिको सिटी के उप प्रबंधक संदीप चावला के विरुद्ध रिपोर्ट लिखाई गई थी। तहसील सदर के लेखपाल मोहम्मद बिलाल की ओर से कहा गया था कि राजस्व अभिलेखों में झील के रूप में दर्ज जमीन को एल्डिको सिटी के उप प्रबंधक ने मलबा और गिट्टी डालकर पाट दिया है। रिपोर्ट देरी से लिखाने के साथ उसमें सिर्फ उप प्रबंधक को नामजद करने पर लेखपाल बिलाल को भी निलंबित किया गया था।

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