पीलीभीत: पहले बनी खुद लखपति, अब दूसरों को भी बनाएंगी लखपति दीदी

पीलीभीत: पहले बनी खुद लखपति, अब दूसरों को भी बनाएंगी लखपति दीदी

पीलीभीत, अमृत विचार: जनपद में संचालित लखपति दीदी योजना में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 2428 महिलाओं ने अपनी आकांक्षाओं को पंख देकर खुद की सालाना आय एक लाख रुपए से अधिक तक पहुंचा दी है। अब लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकीं महिलाएं मास्टर ट्रेनर बनकर समूहों की अन्य महिलाओं को भी लखपति दीदी की श्रेणी में लाने में उनकी मदद करेंगी।

ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के दोहरे मिशन को साधने के लिए सरकार द्वारा गत वर्ष लखपति दीदी योजना शुरूआत की गई है। योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की ऐसी महिलाएं, जिनकी सालाना आमदनी एक लाख रुपये से कम है, उन्हें आजीविका मिशन के विभिन्न उपक्रमों के जरिए अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है।

शासन द्वारा जनपद को 13,491 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 2428 महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी है।

130 मास्टर ट्रेनर, 30 और की जाएंगी प्रशिक्षित
इधर सरकार द्वारा बजट में लखपति दीदियों की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है। ऐसे में अब विभाग अन्य महिलाओं को भी योजना से जोड़कर उनकी संख्या 40 हजार तक पहुंचाने के लक्ष्य पर काम करने लगा है। इसके लिए विभाग ने लखपति महिलाओं को अब मास्टर ट्रेनर बनाना शुरू कर दिया है। अब तक 130 लखपति महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें मास्टर ट्र्रेनर बनाया चुका है।

करीब 30 अन्य महिलाओं को भी जल्द ही प्रशिक्षित किया जाएगा। मास्टर ट्र्रेनर बनने के बाद यह महिलाएं सर्वे कर स्वयं सहायता समूहों से जुडी अन्य महिलाओं को भी विभिन्न कार्यों में दक्ष बनाएंगी। ताकि उनकी सालाना आय भी एक लाख रुपए तक पहुंच सके। इसमें विभाग उनकी मदद करेगा।

समूहों से जुड़ी है 65 हजार महिलाएं  
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जनपद में वर्तमान में 6500 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं। विभाग के मुताबिक इन समूहों से करीब 65 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन महिलाओं की आजीविका बढ़ाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। घरेलू आय में वृद्धि करने पर जोर हैं। कृषि व गैर कृषि जैसे ब्यूटी पार्लर, मुर्गी पालन समेत अन्य योजनाओं से लाभान्वित कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है।

जिले में अब तक 2428 महिलाएं लखपति दीदी श्रेणी में आ गई हैं। इन्हीं महिलाओं में कुछ महिलाओं को ट्रेनर की जिम्मेदारी दे रहे हैं। जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को विभिन्न कार्यो में दक्ष बनाएगी--- जेसी जोशी, परियोजना अर्थशास्त्री, एनआरएलएम।

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