UP: जेके कैंसर में मशीनें खराब; खून की जांच को भटके मरीज... भेजे गए हैलट अस्पताल... घंटों इंतजार के बाद लौटाए गए वापस....
कानपुर के जेके कैंसर में मरीज मशीनें खराब होने से भटकने को मजबूर हैं।

कानपुर के जेके कैंसर संस्थान की हालत इन दिनों काफी खराब है। यहां पर मरीजों की खून जांच तक नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को हैलट अस्पताल जांच कराने को भेजा जा रहा है।
कानपुर, अमृत विचार। जेके कैंसर संस्थान की हालत इन दिनों काफी खराब है। यहां पर मरीजों की खून जांच तक नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को हैलट अस्पताल जांच कराने को भेजा जा रहा है। लेकिन हैलट में जेके कैंसर के मरीजों की जांच नहीं की जा रही है। क्योंकि जेके कैंसर संस्थान के निदेशक ने जीएसवीएम से इस संबंध में कोई वार्ता नहीं की है।
रावतपुर स्थित जेके कैंसर संस्थान प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा कैंसर संस्थान है, जो सिर्फ अब नाम का रह गया है। इलाज की आस में आने वाले प्रतिदिन करीब 150 कैंसर रोगियों को यहां पर मौजूद डॉक्टरों से परामर्श तो मिलता है लेकिन उसके बाद जांच व इलाज के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। क्योंकि यहां पर अब सीबीसी मशीन भी खराब हो गई है।
मशीन खराब होने की वजह से कैंसर के मरीजों को खून की जांच कराने के लिए संस्थान से हैलट अस्पताल जाने की सलाह दे रहे हैं। संस्थान से जब कैंसर मरीज को लेकर तीमारदार हैलट की पैथोलॉजी पहुंचते है तो यहां पर उनको घंटों भटकना पड़ता है। जब वह काफी देर लाइन में लगने के बाद काउंटर पहुंचते है तो जेके संस्थान का पर्चा देखने के बाद उनको जांच के लिए मना कर दिया जाता है।
इसके साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी जाती है, जहां से उनको जेके संस्थान जाने को बोल दिया जाता है। इस तरह तीमारदार अपने मरीजों को लेकर भटकते रहते है। हमीरपुर निवासी 60 वर्षीय वृद्धा मलद्वार के कैंसर से पीड़ित थी, जिनकी बेटी ने बताया कि जेके कैंसर में परामर्श के बाद डॉक्टर ने जांचें हैलट से कराकर लाने को बोला।
लेकिन यहां पर करीब दो घंटे भटकने के बाद भी जांच नहीं की गई। न ही जेके संस्थान में हुई, जानकारी पर पता चला कि खून जांच की मशीन खराब है। निदेशक डॉ.एसएन प्रसाद ने बताया कि मशीन खराब होने की वजह से जांच के लिए मरीज हैलट भेजे जाते है। मरीजों की जांच हो सके, इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से वार्ता की जाएगी।