special story: खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर एक महिला प्रतिमाह में कमा रही पांच से छह हजार
गांव सलेमपुर गोसाई निवासी महिला रेनू अन्य महिलाओं को दे रही रोजगार

अमरोहा/ गजरौला, अमृत विचार। खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर महिलाएं कमा रही एक महीने में पांच से छह हजार रुपये क्षेत्र के गांव सलेमपुर गोसाई में महिलाओं की टोली खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर एक महिला एक महीने में पांच से छह हजार रुपये कमा रही है। बल्कि और महिलाओं को भी चटाई बनाना सीखा रही है।
गांव सलेमपुर गोसाई निवासी रेनू पत्नी धर्मेंद्र खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर बेचती है। रेनू का मायका गढ़मुक्तेश्वर का है जहां रेनू के पिता खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर बेचते थे। शादी से पहले रेनू भी अपने पिता का हाथ बटाते हुए खजूर के पत्तों की चटाई बनाना सीख लिया था। अब वह अपने पति की सहमति लेने के बाद खजूर के पत्तों की चटाई बनाकर बेचनी शूरू कर दिया और उन्हें बाजार में बेचना शुरू कर दिया है।
वहीं रेनू ने संगीता व गड़िया को खजूर के पत्तों की चटाई बनानी सिखाई और दोनों महिलाओं को अपनी टोली में शामिल कर लिया। अब वह तीनों महिलाएं एक दिन में तीन चार घंटे निकाल कर चटाई बूनती है। एक दिन में दो से तीन चटाई बनाती है बाजार में एक चटाई 70 से 80 रुपये जाती है। और चटाई बनाकर अमरोहा जनपद समेत दूसरे जनपदों में मेंरठ, हापुड़,व बिजनौर भी चटाई बेचती है। वह एक महीने में पांच से छह हजार रुपये कमातीं है। और वह इन रुपये से घर में अपने पति का हाथ बटाती है।
पहले खजूर की ताजी पत्तियों को धूप में सुखाया जाता है। फिर जब चटाइयां बनानी होती है। एक चटाई को बनाने में एक से दो घंटे लगते हैं।-रेनू
रेनू ने खजूर के पत्तों की चटाई बनानी सिखाई थी। अब हमें अपनी टोली में शामिल कर लिया है। और अब हम साथ में खजूर के पत्तों की चटाई बनाते हैं।-गुड़िया
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