Lohia Institute : सीनियर डॉक्टर कर रहे जूनियर को परेशान, शुरू हुई जांच, एचओडी बोलीं - किसी के साथ नहीं होना चाहिए गलत
लखनऊ, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जनरल सर्जरी विभाग के प्रथम वर्ष के पीजी स्टूडेंट यानी की एक डॉक्टर की तरफ से लगाए गए उत्पीड़न के आरोप की जांच शुरू हो गई। साथ ही इस मामले में एचओडी डॉ प्रियंका ने साफ कर दिया है कि यह एक गम्भीर प्रकरण है। किसी भी स्टूडेंट के साथ गलत नहीं होना चाहिए, हमारे सीनियर इस मामले जांच कर रहे हैं।
दरअसल, लोहिया संस्थान में मंगलवार को जनरल सर्जरी विभाग के प्रथम वर्ष के पीजी स्टूडेंट ने विभाग में काम कर रहे दो रेजिडेंट डॉक्टरों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पीड़ित डॉक्टर ने इसकी शिकायत संस्थान के सीएमएस और विभाग की एचओडी से की थी।
पीड़ित पीजी स्टूडेंट ने विभाग की एचओडी को लिखित शिकायत में कहा था कि आपका ध्यान आपके विभाग में व्याप्त अनियमितता की ओर आकृष्ट करना चाह रहा हूं , आपके विभाग में प्रथम वर्ष के छात्रों का मानसिक उत्पीड़न और शारीरिक उत्पीड़न लगातार किया जा रहा है। उत्पीड़न करने वालों में मुख्य रूप से जेआर-2 हैं। आपके विभाग में प्रथम वर्ष पीजी स्टूडेंट का काम करने के कोई घंटे तय नहीं। 24 - 24 घंटे छात्रों को खाना नहीं मिलता है। 48 घंटे सो नहीं पाते हैं अभद्र तरीके से मानसिक रूप से उनको परेशान किया जाता है। इस संबंध में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है, क्योंकि जो बच्चे आपको मिल रहे हैं वह एमबीबीएस करके आ रहे हैं। देश में वैसे ही पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों की कमी है ऐसे माहौल में यदि बच्चे संस्थान छोड़कर जाते रहेंगे, जैसा की आपके संस्थान में लगातार गत वर्षो से होता आ रहा है। कृपया उक्त पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे की गुणवत्ता परक उच्च शिक्षित पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर देश और समाज को मिल सके।
ये भी पढ़ें -अन्य प्रदेशों की तरह बहराइच को भी मिले रेल योजना का लाभ, संरक्षित वनक्षेत्र के नाम पर बंद हो गईं कई ट्रेनें