लखनऊ: आउटसोर्सिंग कर्मचारी को काम से रोका, स्थायी कर्मचारियों पर कार्रवाई से बच रहा लोहिया संस्थान

मरीजों के नाम पर लाखों की कीमत की दवाएं चोरी होने का मामला

लखनऊ: आउटसोर्सिंग कर्मचारी को काम से रोका, स्थायी कर्मचारियों पर कार्रवाई से बच रहा लोहिया संस्थान

लखनऊ,अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों के नाम पर दवाएं चोरी होने के मामले में संस्थान प्रशासन स्थायी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने से बच रहा है। करीब दो सप्ताह पूर्व चोरी हुई दवाओं की बड़ी खेप मिलने के मामले में जांच के नाम पर अभी तक सिर्फ आउटसोर्सिंग पर कार्यरत महिला फार्मासिस्ट को काम से रोकने की कवायद हो सकी है। हालांकि, संस्थान प्रशासन अभी जांच चलने की बात कह रहा है।

लोहिया संस्थान के पहले तल पर ओटी फार्मेसी है। यहां से ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों की दवाएं व अन्य सामान दिया जाता है। तीमारदारों से दवा की पर्ची और रुपये ले लिए जाते हैं। फिर ओटी में सीधे सामान भेज दिया जाता है। इससे मरीज को ओटी में अंदर क्या दवा और सामान भेजा गया है, इसके बारे में तीमारदारों को कुछ पता नहीं चलता है। इसी का फायदा उठाकर लंबे समय से ओटी फार्मेसी के फार्मासिस्ट और स्टाफ खेल कर रहे हैं। संस्थान के अफसरों ने इसी माह ओटी फार्मेसी में स्टॉक मिलान किया तो करीब 6 से 7 गत्ते दवा व दूसरा माल अलग बंधा रखा पाया। जांच में पता चला कि यह दवा व अन्य सामान तो ओटी के मरीजों के नाम पर इश्यू किया गया। मामले में करवाई के नाम पर सिर्फ आउटसोर्स महिला फार्मासिस्ट को काम से रोक दिया गया है। वहीं, स्थायी फार्मासिस्ट व दूसरे किसी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवनचंद्र तिवारी ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच अभी चल रही है। जांच कमेटी सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। जल्द ही रिपोर्ट से अवगत कराया जाएगा।

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