बरेली: हाउस टैक्स बिल निकालने से पहले मोबाइल पर आएगा ओटीपी, दूसरा नहीं निकाल सकेगा बिल
सही मोबाइल नंबर दर्ज होना जरूरी

बरेली, अमृत विचार : नगर निगम के पोर्टल से अब किसी दूसरे की आईडी से हाउस टैक्स बिल निकालना मुश्किल होगा। अब सिर्फ वास्तविक करदाता ही ऑनलाइन पोर्टल से बिल निकाल सकेगा। इसके लिए निगम साफ्टवेयर में बदलाव करेगा।
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नगर निगम के ऑनलाइन पोर्टल पर मौजूदा समय में किसी के कॉमर्शियल और आवासीय भवन की आईडी पता होने पर कोई भी व्यक्ति उसका बिल या उसका ब्योरा निकाल सकता है। इसका दुरुपयोग भी हो सकता है। इसे रोकने के लिए टैक्स विभाग व्यवस्था कर रहा है ताकि सिर्फ भवन का मालिक ही टैक्स बिल निकाल सके।
इसके लिए भवन मालिक को अपना सही मोबाइल नंबर भी बिल पर दर्ज कराना होगा। मोबाइल नंबर पर बिल निकालने के दौरान ओटीपी आएगा। उसे दर्ज करने के बाद ही बिल निकलेगा। अफसर बताते हैं कि बिल में सही नंबर दर्ज होगा तो ओटीपी भी सही व्यक्ति के पास जाएगा। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम साफ्टवेयर में कुछ बदलाव करेगा।
टैक्स बिल निकालने के लिए संबंधित व्यक्ति जब ओटीपी डालेगा तभी उसका बिल निकल सकेगा। अभी आईडी पता होने पर बिल आसानी से निकल आता है। साफ्टवेयर में कुछ बदलाव करके यह व्यवस्था हो सकेगी। -पीके मिश्रा, सीटीओ
टैक्स बिल के प्रारूप में हो गया है बदलाव: नगर निगम के टैक्स बिल निकालने में बदलाव हो गया है। अब जो बिल निकल रहा है उसमें मौजूदा टैक्स, बकाया और ब्याज की राशि मिलाकर कुल राशि का ब्योरा दिया गया है। पहले के बिल में भवन का वार्षिक मूल्यांकन दर्ज होता था और भवन कर, जल कर, सीवर कर अलग अलग कर दर्ज होता था।
इसे चालू मांग का नाम दिया गया। इसमें पांच कॉलम के बिल में बकाया और योग भी दर्ज होता था। नई व्यवस्था में सात कॉलम का बिल है। इसमें हर वर्ष का अलग-अलग टैक्स दर्शाने के बजाए पूरे साल का टैक्स दर्शाया गया है। जिस व्यक्ति पर कई साल का बकाया है, उसके बिल में हर वर्ष का टैक्स, उसके आगे उस वर्ष का बकाया, अगले कॉलम में उस राशि पर ब्याज की रकम और फिर सभी का योग दर्ज है।
इसके आगे कितनी और किस तिथि को राशि जमा की इसका भी ब्योरा दर्ज है। नई व्यवस्था में उस जगह के लोगों को भी सीवर टैक्स देना पड़ सकता है जहां सीवर लाइन नहीं पड़ी है। पुरानी व्यवस्था में बिल मिलने पर उसमें सीवर टैक्स जुड़ा होने पर व्यक्ति विरोध दर्ज कराता था कि उसके मोहल्ले में सीवर नहीं है फिर भी टैक्स आ रहा है।
हालांकि अफसरों का कहना है कि जीआईएस सर्वे के बाद जहां सीवर लाइन पड़ी है वहां से सीवर टैक्स को सिस्टम से हटाने के लिए सर्वे चल रहा है। रिपोर्ट आने के बाद सिस्टम से सीवर टैक्स की राशि को हटा दिया जाएगा।
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