पीलीभीत: हम शांतिप्रिय व्यक्ति, नहीं कोई साक्ष्य..नहीं बनी बात डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र निरस्त, अब सात को सुनवाई
पीलीभीत, अमृत विचार। निरीक्षण करने पहुंची एफएसडीए टीम से अभद्रता कर सैंपल छीनकर नष्ट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालकर कार्रवाई बाधित करने के मामले में फंसे व्यापारियों का डिस्चार्ज (उन्मोचन) प्रार्थना पत्र न्यायालय ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। अब साक्ष्य हेतु सात नवंबर की तिथि नियत की गई है।
अभियोजन कथानक के अनुसार एक जुलाई 2023 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष बाबू यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित यादव की अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। जिसमें उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री मोहल्ला मलिक अहमद निवासी शैलेंद्र अग्रवाल उर्फ शैली,मोहल्ला पंजाबियान निवासी अयाजउद्दीन, शाहिद,ताबिश अयाज, मोईन उल हक शम्सी, मोहल्ला साहूकारा निवासी संजय गुप्ता, मोहल्ला पकड़िया निवासी अलाउद्दीन अंसारी , मोहल्ला साहूकारा निवासी अंशुल अग्रवाल, मोहल्ला देशनगर निवासी जगदीश, मोहल्ला शेखचांद निवासी निमित अग्रवाल आरोपी बनाए गए थे।
आरोप था कि 18 जनवरी 2023 को दोपहर करीब 12.30 बजे पुरानी गल्ला मंडी में केजीएन इंटरप्राइजेज पर नमूना संग्रह के लिए पहुंची एफएसडीए टीम से अभद्रता की गई और सैंपल छीनकर नष्ट किए गए। न्यायालय ने परिवाद दर्ज करते हुए दस आरोपियों को सम्मन जारी किए। आरोपियों ने न्यायालय से जमानत करा ली थी। सभी आरोपियों द्वारा न्यायालय में डिस्चार्ज (उन्मोचन) प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए कथन किया गया था कि उन्हें जान बूझकर गलत नामजद किया गया। वह शांत प्रिय व्यक्ति है और उन लोगों के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं हैं। न्यायालय ने डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र सुनवाई के बाद पर्याप्त आधार नहीं मिलने पर खारिज कर दिया है। साक्ष्य के लिए सात नवंबर तिथि नियत की गई है।
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