पीलीभीत: 170 रुपए के गबन में 18 साल बाद होमगार्ड प्लाटून कमांडर समेत तीन को सजा, जानिए मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 170 रुपये सरकारी धन का गबन करने के आरोपी होमगार्ड के तत्कालीन प्लाटून कमांडर बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम उमरिया निवासी चुन्नीलाल, कस्बा माधोटांडा निवासी अब्दुल नफीस और लखीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र के ग्राम खानपुर निवासी रोशनलाल वर्मा को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।
अभियोजन कथानक के अनुसार पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक हत्या मामले में विवेचना सीबीसीआईडी बरेली द्वारा की गई। विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि होमगार्ड सूरज प्रसाद 11, 12, 13 सितंबर 2003 को तीन दिन गैरहाजिर रहा। प्लाटून कमांडर चुन्नीलाल ने सितंबर में मस्टरोल तैयार कर 11 सितंबर की गैर हाजिरी और बाकी दोनों दिन की उपस्थिति दर्शा दी। कंपनी कमांडर अब्दुल नफीस और बीओ रोशन लाल ने भी अपने हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद जीडी को अधिकारियों से सत्यापित करा लिया।
सूरजपाल ने 29 दिन का 2465 रुपये भुगतान प्राप्त कर लिया। जिसमें गैरहाजिर वाले दिन यानी 10 व 12 सितंबर का भी 170 रुपये सरकारी धन कूटरचित मस्टर रोल की मदद से प्राप्त कर लिया। विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्त चुन्नीलाल, सूरज प्रसाद, अब्दुल नफीस और रोशनलाल वर्मा विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। विचारण के दौरान होमगार्ड सूरज प्रसाद की मृत्यु हो गई। नौ मई 2023 को न्यायालय ने सूरज प्रसाद के विरुद्ध कार्रवाई उपशमित कर दी। सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने शेष तीनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए चार वर्ष कैद और 16-16 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
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