इमरान की जमानत अर्जी पर खुली सुनवाई से दूसरे देशों के साथ रिश्ते बिगड़ने का खतरा: FIA
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने सोमवार को यहां एक अदालत को सूचित किया कि राज्य की गोपनीय जानकारी उजागर करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत अर्जी पर खुली सुनवाई से अन्य देशों के साथ रिश्ते बिगड़ने का खतरा हो सकता है। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत स्थापित विशेष अदालत में शनिवार को एक आरोप पत्र दायर किया जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को मामले में प्रमुख आरोपी बनाया गया है।
खान और कुरैशी दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक एफआईए ने सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि खान की जमानत अर्जी पर खुली सुनवाई से अन्य देशों के साथ रिश्ते बिगड़ने का खतरा हो सकता है। खान और कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद जमानत अर्जियों को विशेष अदालत ने पहले खारिज कर दिया था जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया।
खान (70) के खिलाफ पिछले साल मार्च में अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजी गयी एक गोपनीय राजनयिक केबल का खुलासा करके कथित रूप से सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था और उन्हें अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी (67) को अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजी गयी आधिकारिक केबल को विदेश कार्यालय भेजकर गोपनीयता का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
खान और कुरैशी की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर को 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी गयी थी और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार खान को एटक जिला जेल से रावलपिंडी की अडियाला जेल भेज दिया गया था। एआईए ने पिछले सप्ताह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और मामले में खान की जमानत अर्जी पर बंद कमरे में सुनवाई की गुहार लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सोमवार को एफआईए की अर्जी सुनवाई के लिए ली।
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