बरेली: घर-घर विराजेंगे गणपति बप्पा, मंदिरों में सजावट

बरेली: घर-घर विराजेंगे गणपति बप्पा, मंदिरों में सजावट

बरेली,अमृत विचार। शहर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व घर-घर में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी थीं। 10 दिन तक मनाया जाने वाला यह उत्सव अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगा, उसी दिन बप्पा की विदाई भी की जाएगी। इन दिनों हर तरफ बप्पा की धूम मची रहेगी। …

बरेली,अमृत विचार। शहर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व घर-घर में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी थीं। 10 दिन तक मनाया जाने वाला यह उत्सव अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगा, उसी दिन बप्पा की विदाई भी की जाएगी। इन दिनों हर तरफ बप्पा की धूम मची रहेगी।

शुक्रवार को देर शाम तक मूर्तिकारों की दुकानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। भगवान की मूर्ति के साथ वस्त्र, फल, मिठाई समेत पूजा की सामग्री की खरीदारी की गई। वहीं, कोरोना काल के चलते इस बार पंडाल लगाने की अनुमति नहीं है। भक्त सार्वजनिक स्थलों पर भगवान की मूर्ति को विराजित नहीं कर सकेंगे।

गणेश चतुर्थी को लेकर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में सफाई की है, साथ ही गणपति के लिए भी अलग से दरबार भी लगाया गया है। इसे लाइटों, झालरों व फूलों से सजाया गया है। वहीं, भगवान को भोग लगाने के लिए घरों में ही मोदक भी बनाए गए हैं। घरों के लिए ही भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां खरीदी।

सार्वजनिक आयोजन स्थगित
इस बार चौकी चौराहा स्थित गणेशोत्सव भी कोरोना के चलते आयोजित नहीं होगा। समिति के अध्यक्ष नरसू नायक ने कहा कि प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन इस बार अनुमति नहीं मिल पाई है। इसकी शुरुआत 1991 में की गई थी। घर में ही गणपति को स्थापित करेंगे।

वहीं, आलमगीरिगंज में होने वाला गणेशोत्सव भी कोरोना के चलते स्थगित कर दिया है। लगभग 25 वर्ष पहले बरेली में रह रहे सोने चांदी का काम करने वाले मराठी परिवारों ने एकत्रित होकर यहां श्री गणेशोत्सव की शुरुआत की थी। श्री गणेश महोत्सव समिति व मराठा बुलियन एसोसियेशन के अध्यक्ष अनिल पाटिल ने कहा कि अपने घरों में ही प्रतिमा स्थापित करके परिवार के साथ उत्सव के रूप में मना रहे है। इसके अलावा गणेश चतुर्थी पर इस बार राजेंद्रनगर स्थित शील चौराहा पर गणेशोत्सव का आयोजन नहीं हो पाएगा। समिति के अध्यक्ष अभय भटनागर ने कहा कि घर पर ही भगवान को स्थापित किया है। यह आयोजन सात साल पुराना है।