पीलीभीत: बसें सीज हुई तो पैदल हुए मजदूर, बोले - घर वापस जाने तक के लिए नहीं बचा किराया

पूरनपुर, अमृत विचार। लखीमपुर रूट पर निजी बसों के संचालन को लेकर हुए विवाद के बाद सख्ती की गई। देर शाम पुलिस ने चार बसें सीज कर दीं। उनमें सवार सैकड़ो मजदूर हरियाणा मजदूरी करने जा रहे थे। पैदल होने के बाद मजदूरों के पास किराए तक के पैसे नहीं बचे। सैकड़ो मजदूर कोतवाली पहुंचे और पुलिस से किराया मांगा। पुलिस ने मजदूरों को खदेड़ दिया। नाराज मजदूरों ने हाइवे पर हंगामा किया।
बता दें कि बुधवार सुबह देहरादून से लखीमपुर जा रही पांच बसों पर कार सवारों ने तोड़फोड़ की थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया है। गुरुवार सुबह एआरटीओ वीरेंद्र कुमार ने भी अभियान चलाकर तोड़फोड़ करने वाले लोगों की बसों पर कार्रवाई की। गुरुवार देर शाम कोतवाली पुलिस ने सिरसा चौराहे पर बसों की चेकिंग की। इस दौरान पुलिस ने दस्तावेज आधे अधूरे मिलने पर अमन बस सर्विस की चार बसें कब्जे में ले ली। बसों में सैकड़ो यात्री सवार थे। उन्हें बसों से नीचे उतार दिया गया। कब्जे में ली गई चारों बसे पुलिस ने सीज कर दी। बसों में अधिकांश मजदूर सवार थे, जो लखीमपुर से रोहतक हरियाणा मजदूरी करने जा रहे थे। देर रात तक यात्री वाहन के लिए हाइवे पर भटकते रहे।
उन्होंने बताया कि लखीमपुर में बैठने से पहले ही उनसे हरियाणा तक का किराया वसूल कर लिया गया था, लेकिन पूरनपुर में उतरने के बाद उनका किराया भी वापस नहीं किया गया। इसको लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी गई। सैकड़ो मजदूर और यात्री कोतवाली पहुंच गए और पुलिस से अपना किराया वापस मंगा। पुलिस ने डंडा फटकारते हुए मजदूरों को खदेड़ दिया। उसके बाद पुलिस सभी मजदूरों को फिर सिरसा चौराहे पर लेकर पहुंची। यहां मजदूरों ने घर वापसी के लिए पुलिस से वाहन और किराया देने की मांग की। सैकड़ों मजदूरों के हाईवे पर पहुंचने से अफरा तफरी मच गई। नाराज मजदूर काफी देर तक हाईवे पर हंगामा करते रहे। मजदूरों को समझाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान तीखी नोक झोंक भी हुई। देर रात तक मजदूर वाहन के इंतजार में भटकते रहे।
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