कानपुर में अलबेला होली मेला: होरियारों का रेला, ऊंट और भैंसा ठेला, छतों से फेंके गए रंग और गुब्बारे, सड़कों पर उड़ा अबीर-गुलाल

कानपुर, अमृत विचार। गुरुवार को ऐतिहासिक गंगा मेला पर डीजे और होली के गीतों पर होरियारों की टोली पूरे शहर में घूमी। छतों से रंग भरे गुब्बारे फेंके गए, सड़कों पर होरियारों ने अबीर-गुलाल उड़ाया। रंग ठेला पर रखे ड्रमों में भरे रंगों की प्रेशर पिचकारियों से बौछार की गई। सुबह से शाम तक होरियारे सड़कों पर डटे रहे। हटिया के रज्जन बाबू पार्क में क्रांतिकारियों के शिलालेख पर पुष्पांजलि अर्पित कर जिलाधिकारी ने तिरंगा फहराया। इसके बाद रंगों का ठेला निकला।
आठ दिन की होली के लिए विख्यात कानपुर में गुरुवार को गंगा मेला पर होली का समापन हुआ। सुबह नौ बजे से ही होरियारों की टोली सड़कों पर निकली। शहर के हर हिस्से में जमकर रंग-गुलाल उड़े। वहीं गंगा मेला की शुरुआत हटिया स्थित रज्जन बाबू पार्क से सुबह 9.30 बजे हुई। जहां हटिया होली महोत्सव कमेटी की ओर से गंगामेला की 84वीं वर्षगांठ मनाई गई। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, डीसीपी श्रावण कुमार सिंह, एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार सिंह ने क्रांतिकारियों के शिलालेख पर पुष्पांजलि अर्पित कर तिरंगा फहराया गया और फिर राष्ट्रीय गीत की धुन के साथ रंगों के ठेले निकले। ठेलों को संरक्षक मूलचंद्र सेठ ने रवाना किया।
इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व एमएलसी सलिल विश्नोई, विधायक अमिताभ बाजपेयी, सुरेश अवस्थी, अन्नू अवस्थी आदि रहे। देश भक्ति के गीतों के बीच हटिया से रंग ठेला निकला। उसके पीछे डीजे ट्राली थी। गीतों पर युवाओं की टोली जमकर नाचते और रंग व गुलाल उड़ाते हुए निकली। रंग ठेले पर ढोल-मंजीरा लेकर बैठे होलियारे अपनी ही मस्ती में चूर दिखे। वहीं छतों से रंग भरे गुब्बारे फेंके गए, होरियारों ने गुलाल उड़ाया। प्रेशर पिचकारियों से तीन मंजिला भवनों पर रंगों की बौछार की गई।
रंग ठेला के साथ ऊंट और घोड़ा
रंग ठेला के पीछे पांच घोड़ों व छह ऊंटों पर बैठे होलियारे अबीर व गुलाल उड़ाते चल रहे थे। उसके पीछे छह लोडर, तीन जैंटिंग मशीन से पानी व रंगों की बौछार की जा रही थी। उसके पीछे रंगों के ड्रम लेकर छह ट्रैक्टर-ट्राली चल रही थी। भैंसा ठेला पर बड़े-बड़े ड्रामों में रंग भरे थे।
अंग्रेजी हुकूमत की पाबंदी को दी थी चुनौती
बता दें कि 1942 में अंग्रेजी हुकूमत ने शहर में होली खेलने पर पाबंदी लगाई थी। मगर हटिया के लोगों ने इसका विरोध किया और रज्जन बाबू पार्क में तिरंगा फहराकर होली खेली थी। अंग्रेजी हुकूमत ने होली खेल रहे होरियारों को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार नवयुवकों की रिहाई जिस दिन हुई, उस दिन अनुराधा नक्षत्र था। तभी से हटिया में अनुराधा नक्षत्र पर ऐतिहासिक होली मेला मनाकर आजादी का जश्न मनाया जाता है।